हाइलाइट्स
चांदामेटा गांव में नक्सलियों के बड़े नेता रहते थे सक्रिय।
ग्रामीणों को नक्सल सहयोगी बताकर किया था गिरफ्तार।
8 साल मिली रिहाई से गांववालों में ख़ुशी का माहौल।
Chandameta Innocent Villager Released After 8 Years : छत्तीसगढ़। बस्तर जिले के चांदामेटा गांव में नक्सलियों का मुखबिर बताकर 8 साल पहले गिरफ्तार किये ग्रामीणों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 16 ग्रामीणों को अब रिहाई दे दी गई है। आठ साल बाद घर लौटे ग्रामीण ने अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि, जेल में घरवालों की बच्चों की बहुत याद आती थी। सभी त्यौहार भी सूने-सूने जाते थे लेकिन इस बार की दिवाली घर वालों से मना पाऊंगा, मुझे इसकी बहुत ख़ुशी है। न्यायालयीन प्रक्रिया के चलते ग्रामीणों की रिहाई की प्रक्रिया अभी की जा रही है, जिसकी वजह से अभी जेल में बिना बात के सजा काट रहे लोगों के घर वालों को भी उम्मीद की किरण नजर आई है।
जेल से रिहा हुए चांदामेटा गांव के ग्रामीण ने बताया कि, वह पिछले 8 सालों से जेल में बंद था। 2015 में उसे नक्सली बताकर जेल में डाल दिया गया था और अब 8 सालों के बाद रिहा होकर वापस अपने गांव और घर चांदामेटा पहुंचा है जिससे वह काफी खुश है उनके परिवार के लोगों में भी काफी उत्साह देखने को मिला है। गांव के करीब 25 लोगों को नक्सली बताकर जेल में डाल दिया गया था उनमें से एक ग्रामीण की जेल में ही मौत हो गई फिलहाल ग्रामीणों के अनुसार जेल में अभी 8 से 9 ग्रामीण और हैं, रिहा हुए 16 में से 3 चांदामेटा गांव के है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ -उड़ीसा के बॉर्डर में स्थित दरभा ब्लॉक के चांदामेटा गांव में नक्सलियों के बड़े नेताओं अक्सर आना जाना होता था। इसके अलावा अक्सर नक्सलियों का ट्रेनिंग कैंप भी चांदामेटा इलाके में लगा करता था। जिसकी वजह से पुलिस को ग्रामीणों का और नक्सलियों के संवाद का संदेह था। इससे पहले भी कई बार पुलिस ने नक्सलियों के सहयोगी बातगार ग्रामीणों को कई- कई दिनों तक पूछताछ के लिए ले जाती है।
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