Akshaya Tritiya 2023: छत्तीसगढ़ प्रशासन के समझाइश देने के बाद भी एक बाल विवाह का मामला सामने आ ही गया। हालांकि समय रहते इस बाल विवाह को रोक दिया गया है। प्रदेश में बाल विवाह को रोकने के लिए गठित की संयुक्त टीम ने सूचना मिलने पर तुरंत हरकत में आई जिससे यह मुमकिन हो पाया हैं। यह बाल विवाह का मामला विकासखण्ड बैकुण्ठपुर की ग्राम पंचायत का हैं।
दस्तावेजों का किया अवलोकन
महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला ग्राम पंचायत चारपारा में परिजनों को समझाइश देकर बाल विवाह रुकवाया गया। बाल विवाह की सूचना मिलते ही तत्काल विवाह स्थल पहुंचकर बाल विवाह हेतु गठित पुलिस ईकाई, चाईल्ड लाईन, आंगनबाड़ी और जनप्रतिनिधियों की संयुक्त टीम के द्वारा शाला प्रमाणपत्र के समस्त दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।जिसमें बालिका की जन्मतिथि 17 मार्च 2006 पाया गया।
परिजनों को मिली चेतावनी :
बाल विवाह के दोषी दोनों पक्षों के परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह किए जाने पर होने वाली सजा के प्रावधानों से अवगत कराया साथ ही बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया गया और बाल विवाह रुकवाया गया। परिजनों को चेतावनी भी गई हैं कि पंचनामा तैयार करने के बाद भी बाल विवाह किया जाता है तो परिजनों पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
SECL क्लब में आयोजित सामूहिक विवाह
मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना अंतर्गत बीते कुछ दिन पहले जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के SECL क्लब में आयोजित सामूहिक विवाह में 30 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत प्रति जोड़े 25 हजार रूपए का प्रावधान है। जिसमें 5 हजार रूपए भोजन एवं व्यवस्था, प्रोत्साहन हेतु चेक राशि 1हजार रूपए चेक के माध्यम से एवं शेष राशि की उपहार सामग्री प्रदान की जाती है। इस विवाह में उपस्तिथ अतिथि जन ने नवविवाहितों को सुखमय जीवन की शुभकामनाएं देते हुए आशीर्वाद दिया।
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