राज एक्सप्रेस। महामारी कोरोना वायरस के संकट के चलते यहां पूरा देश 'जनता कर्फ्यू' के दौरान अपने घरों में कैद है, तो वहीं दूसरी ओर देश के 17 जवान शहीद व 15 जवानों के घायल होने की खबरें सामने आने से देश के लोग हैरान हैं, क्योंकि डीआरजी-एसटीएफ के जवानों को पहली बार इतना बड़ा नुकसान हुआ है। आंसुओं की धार के बीच 17 शहीद जवान तिरंगे में लपेटे गए हैं।
जवानों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ :
दरअसल, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जंगल में 21 मार्च शनिवार को नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हुई थी, इसके बाद वे लापता थे, लेकिन सभी 17 जवानों का शव बरामद कर लिए गए है। वहीं सभी घायल जवानों को हेलिकॉप्टर की मदद से रायपुर रेफर किया गया है।
इस दौरान सुकमा में शहीद हुए जवानों के परिजन फूट-फूट कर रो रहे है और रो-रो कर उनका बुरा हाल है। जवानों की मां, पत्नी, बहन, बेटे और भाई को संभालना मुश्किल हो रहा था।
शहीद जवानों दी गई श्रृद्धांजलि:
वहीं इन शहीद जवानों को सोमवार सुबह जिला मुख्यालय की पुलिस लाइन में श्रृद्धांजलि दी गई, यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, मंत्री कवासी लखमा, केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार विजय कुमार समेत पुलिस व प्रशासन के आला अफसर व आम नागरिक मौजूद थे, श्रृद्धांजलि देते वक्त मुख्यमंत्री बघेल की आंखें भी नम हो गईं।
है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर, इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं, नक्सली हिंसा में शहीद हुए वीर जवानों को सुकमा पुलिस लाईन पहुंचकर श्रृद्धांजलि अर्पित की, शहीद जवानों के साथियों और परिजनों से मुलाकात की। हमारे शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
शहीदों को श्रृद्धांजलि देने के बाद उनके शवों को उनके गृहग्राम के लिए रवाना किया गया। वहीं, राज्य सरकार द्वारा जारी सूची के मुताबिक, सुकमा मुठभेड़ में शहीद जवानों में 12 डीआरजी और 5 एसटीएफ जवान थे।
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