नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को मीडिया संस्थाओं, मीडिया मंचों और ऑनलाइन विज्ञापन मध्यस्थों को सट्टेबाजी मंचों के विज्ञापनों/प्रचार सामग्री को प्रसारित करने से बचने के दिशानिर्देश जारी किये।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक सलाह में मुख्यधारा के अंग्रेजी और हिंदी समाचार पत्रों में सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापनों और प्रचार सामग्री को प्रकाशित करने की हालिया घटनाओं पर कड़ा ऐतराज जताया है। समाचार पत्रों, टेलीविजन चैनलों और ऑनलाइन समाचार प्रकाशकों सहित सभी मीडिया प्रारुपों के लिए दिशानिर्देश जारी की गई है और विशिष्ट उदाहरण दिखाए गए हैं जहां हाल के दिनों में मीडिया में इस तरह के विज्ञापन दिखाई दिए हैं।
बयान के अनुसार मंत्रालय ने एक विशिष्ट सट्टेबाजी मंच द्वारा दर्शकों को अपनी वेबसाइट पर एक खेल लीग देखने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी आपत्ति जताई है, जो प्रथम दृष्टया कॉपीराइट अधिनियम, 1957 का उल्लंघन प्रतीत होता है।
बयान के अनुसार अखबारों को ऐसा विज्ञापन प्रकाशित नहीं करना चाहिए जिसमें कुछ भी गैरकानूनी या अवैध हो। समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को पीआरबी अधिनियम, 1867 की धारा 7 के तहत विज्ञापन सहित सभी सामग्री के लिए संपादक की जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए नैतिक और कानूनी कोणों से विज्ञापन इनपुट की जांच करनी चाहिए। केवल राजस्व सृजन प्रेस का एकमात्र उद्देश्य नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए।
मंत्रालय ने पहले जून और अक्टूबर, 2022 के महीनों में यह कहते हुए सलाह जारी की थी कि सट्टेबाजी और जुआ अवैध हैं, और इसलिए ऐसी गतिविधियों के प्रत्यक्ष या सरोगेट विज्ञापन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, प्रेस काउंसिल अधिनियम 1978, सूचना प्रौद्योगिकी का उल्लंघन करते हैं।
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