CBSE-ICSE Result 2020: घातक कोरोना वायरस की महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण CBSE एग्जाम के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अभिभावकों को राहत मिल गई है, शेष बची सभी परीक्षाएं रद्द करने का सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया है और आज 26 जून को कोर्ट के आदेश पर बोर्ड द्वारा अपने हलफनामे के तौर पर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
10वीं-12वीं कक्षा परिणाम 15 जुलाई तक घोषित :
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (ICSE) ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि, 10वीं और 12वीं कक्षा के रिजल्ट को 15 जुलाई तक घोषित कर दिया जाएगा। इसके अलावा CBSE ने परीक्षा के बिना बच्चों को मार्क्स कैसे दिए जाएंगे इस पर भी हलफनामा दायर करके जानकारी दी है।
दरअसल, हलफनामे में उन सारी बातों को स्पष्ट करने की कोशिश की गई है, जिन पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ऐतराज जताया था। इस हलफनामे में साफ किया गया है कि, सीबीएसई और आईसीएसई दोनों के नतीजे 15 जुलाई से पहले घोषित कर दिए जाएंगे।
हलफनामे में क्या है खास ?
SG ने कोर्ट में कहा- 12वीं के वैकल्पिक एग्जाम को लेकर अभी कोई वक्त नहीं बता सकते, अगर हालात ठीक नहीं हुए तो कोई एग्जाम नहीं होगा।
अगर सामान्य हालात होने पर एग्जाम कराएंगे तो स्टूडेंट्स को नोटिफिकेशन जारी कर दो हफ्ते का समय देंगे, ताकि वे एग्जाम देने का विकल्प चुन सकें।
12वीं के जो छात्र 15 जुलाई तक आने वाले नतीजे से खुश होंगे उनके लिए एग्जाम ज़रूरी नहीं होगा, लेकिन जो छात्र असेस्मेंट के नंबर से खुश नहीं होंगे या और बेहतर करना चाहते हैं वह एग्जाम से सकते है, जो भी छात्र एग्जाम देंगे उनका एग्जाम वाले नंबर ही अंतिम माने जाएंगे, असेस्मेंट के नंबर नहीं जुड़ेंगे।
छात्रों को मार्क्स देने का फॉर्मूला :
वहीं, CBSE के हलफनामे के मुताबिक 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को मार्क्स देने के लिए इस तरह का फॉर्मूला अपनाया जाएगा, जो इस प्रकार है-
जिन छात्रों ने 3 से ज्यादा विषयों की परीक्षाएं दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषयों के मार्क्स दिए जाएंगे।
जिन छात्रों ने सिर्फ 3 परीक्षाएं दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 2 के औसत से बचे हुए विषयों के मार्क्स दिए जाएंगे।
जिन छात्रों ने 1 या 2 टेस्ट ही दिए हैं, ऐसे में उन्हें उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन प्रैक्टिकल के औसत के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे।
ICSE ने सुप्रीम कोर्ट में कहा :
वहीं, ICSE द्वारा सुप्रीम कोर्ट में ये कहा गया है कि, वो 12वीं कक्षा के अलावा 10वीं कक्षा के छात्रों को भी बाद में परीक्षा देने का विकल्प दे सकते हैं, हमारा मार्क्स देने का तरीका CBSE से अलग होगा। इसी दौरान इस पर CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील ने सवाल किया।
CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील ने पूछा- 12वीं के बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका कब मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाए, इस बिंदु पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है।
ICSE के वकील ने दिया जवाब- हम भी परीक्षा रद्द कर रहे हैं, हमारी मार्किंग का तरीका CBSE से थोड़ा अलग होगा।
बता दें कि, ICSE बोर्ड अपने असेसमेंट का तरीका एक हफ्ते में सार्वजनिक करेगा।
बताते चलें कि, कोरोना संक्रमण के दौर में सीबीएसई बोर्ड शेष बची परीक्षाओं को 1 से 15 जुलाई के बीच आयोजित कराने जा रहा था, लेकिन बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ कुछ अभिभावक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और ये कहा कि, ''देश में लगातार कोरोना का संकट बढ़ रहा है, ऐसे में परीक्षाएं कराना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण और खतरनाक साबित हो सकता है।'' इसी के चलते CBSE एग्जाम के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अभिभावकों को राहत दी है।
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