राज एक्सप्रेस। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आज यहां राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक में चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' से निपटने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र राज्य सरकारों तथा अन्य एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की। तो वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में तूफान निसर्ग के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की आज एक बैठक में समीक्षा की।
मौसम विभाग ने बताया :
मौसम विभाग ने बताया है कि इस भीषण चक्रवाती तूफान के बुधवार या शाम तक महाराष्ट्र के तट से टकराने की आशंका है। राज्य के तटीय जिलों में 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवायें चलने और बाद में इसकी गति 120 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका व्यक्त की गयी है। साथ ही इन जिलों में भारी वर्षा होने और 1-2 मीटर ऊंची लहरें उठने का भी अंदेशा है। मौसम विभाग के अनुसार, निसर्ग के बुधवार शाम गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों से टकराने की आशंका है।
चक्रवाती तूफान का महाराष्ट्र के तटीय जिलों रायगढ़, मुंबई, ठाणे एवं पालघर के साथ-साथ गुजरात के वलसाड, नवसारी, सूरत, भावनगर तथा भरूच जिलों और दमन, दादरा और नागर हवेली पर भी व्यापक असर पड़ने की आशंका है।
बैठक में राज्य सरकारों के अधिकारियों ने विभिन्न प्रारंभिक उपायों की जानकारी दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध हैं और सभी आपातकालीन सेवाओं के लिए पूरी तैयारी की गयी है। उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग द्वारा प्रदान की जा रही एसएमएस सुविधा का इस्तेमाल चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले लोगों को आगाह करने के लिए किया जा रहा है और इसके साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार :
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, प्रधानमंत्री ने देश के पश्चिमी तटीय हिस्सों में तूफान की आशंका के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया और लोगों से हर संभव ऐहतियात और सुरक्षा उपाय बरतने का आग्रह किया।
श्री मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट भी किया, ''भारत के पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में चक्रवात की स्थिति के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना करना। मैं लोगों से हर संभव सावधानी और सुरक्षा उपाय करने का आग्रह करता हूं।"
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्थिति से निपटने के लिए सभी संबंधित एजेन्सियों के अधिकारियों के साथ बैठक में तैयारियों का जायजा लिया था। उन्होंने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से बात कर उन्हें केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। दोनों राज्यों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और बाद में स्थिति को सामान्य बनाने में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 20 से भी अधिक टीमों को तैनात किया गया है।
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