राज एक्सप्रेस। हमारे देश के नेता कुर्सी के लिए जो राजनीति करते हैं, उसके बारे में तो हम सभी जानते ही हैं। लेकिन यही नेता जब माननीय बन जाते हैं तो फिर एक चीज के लिए और राजनीति शुरू हो जाती है और वह है बंगले की राजनीति। दरअसल दिल्ली में सांसदों को बंगले आवंटित किए जाते हैं। कई सांसद और मंत्री अपने पसंद के बंगले को लेने के लिए जुगाड़ लगाना शुरू कर देते हैं। इन बंगलों से कई रोचक किस्से जुड़े हुए हैं। ऐसा ही एक रोचक किस्सा 12 नंबर बंगले को लेकर जुड़ा है। अब इसे संयोग कहे या कोई और कारण, लेकिन राजनीति के युवराजों के लिए 12 नंबर बंगला बड़ा ही अशुभ साबित हो रहा है। तो चलिए जानते हैं कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं?
अजीत सिंह :
किसी समय पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह 12 तुगलक रोड वाले बंगले में रहते थे। चरण सिंह के बाद उनके बेटे अजीत सिंह भी इसी बंगले में रहे। अजीत सिंह इस बंगले को अपने पिता की याद में मेमोरियल बनाना चाहते थे। हालांकि जब अजीत सिंह सांसद का चुनाव हार गए तो उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया, लेकिन जब उन्होंने बंगला खाली नहीं किया तो उनका सामान ही बाहर फिंकवा दिया गया।
चिराग पासवान :
किसी समय चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान के साथ 12 जनपथ बंगले में रहते थे। इस बंगले में रहते हुए रामविलास पासवान कई बार केन्द्रीय मंत्री भी बने, लेकिन यह बंगला चिराग पासवान को रास नहीं आया। रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान अपनी पार्टी को नहीं संभाल पाए और पार्टी दो फाड़ हो गई। इसके बाद चिराग पासवान को भी यह बंगला खाली करना पड़ा।
राहुल गांधी :
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को साल 2005 में 12 तुगलक रोड वाला बंगला आवंटित हुआ था। हालांकि शुरुआत में राहुल गांधी का यहां सिर्फ कार्यालय हुआ करता था। वह अपनी मां के साथ 10 जनपथ में ही रहते थे। लेकिन जब वह 12 तुगलक रोड में रहने लगे तो कांग्रेस के बुरे दिन शुरू हो गए। सबसे पहले उनकी पार्टी को लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वहीं अब राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी चली गई और उन्हें भी यह बंगला खाली करना पड़ा।
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