राज एक्सप्रेस। अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड इंडस्ट्री में काम करते हुए 50 साल हो गए हैं। गुरूवार, 7 नवंबर 2019 को उन्होंने ये कीर्तिमान हासिल किया। इस के कुछ ही घंटे बाद, उनके द्वारा होस्ट किए जाने वाले प्रश्नावली आधारित शो 'कौन बनेगा करोड़पति' का बहिष्कार करने के लिए ट्विटर पर एक हैशटेग ट्रेंड करने लगा, #Boycott_KBC_SonyTv
हमारे देश में कुछ हो या न हो लोगों की भावनाएं बहुत जल्दी आहत होती हैं। चाहे मीटू मूवमेंट हो या पद्मावत फिल्म, हमारे यहां आपत्ति जताना लोगों को अपना मौलिक अधिकार लगता है। #Boycott_KBC_SonyTv से अब तक लगभग 30 हज़ार से भी अधिक ट्वीट्स हो चुके हैं। लोग कौन बनेगा करोड़पति के साथ-साथ अमिताभ बच्चन पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
बुधवार, 6 नवंबर को प्रसारित हुए केबीसी के एपिसोड में एक सवाल के दौरान औरंगजेब को 'मुगल सम्राट' कहा गया और छत्रपति शिवाजी का नाम केवल 'शिवाजी' लिखा गया। इसके चलते भारतवासियों की भावनाएं आहत हो गईं और उन्होंने 'कौन बनेगा करोड़पति' का बहिष्कार करना शुरू कर दिया।
सोनी टीवी ने आधिकारिक तौर पर माफी मांगते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने साफ किया कि असावधानी के कारण छत्रपति शिवाजी का नाम केवल शिवाजी चला गया था। उन्होंने इस के लिए खेद भी जताया।
"बुधवार को प्रसारित हुए 'कौन बनेगा करोड़पति' के एपिसोड में असावधानी के चलते छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम गलत संदर्भ में प्रसारित हुआ। हमें इसके लिए पछतावा है और दर्शकों की भावनाओं के प्रति सचेत रहते हुए हमने कल प्रसारित हुए एपिसोड के दौरान खेद व्यक्त करते हुए एक स्क्रॉल किया है।"सोनी टीवी
ऐसा पहली बार नहीं है कि भारत में किसी नाम, ऐतिहासिक संदर्भ, पौराणिक गाथाओं के कारण किसी टीवी शो या फिल्म का बहिष्कार किया गया हो। इससे पहले भी कई दफा अलग-अलग कारणों के चलते अनेक कलाकारों और उनकी रचनाओं को लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा है।
साल 2018 जनवरी में प्रदर्शित हुई फिल्म पद्मावत का लोगों ने बहिष्कार किया था। इस फिल्म को लेकर देश में लगभग एक साल तक विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ा कि पद्मावती का किरदार निभाने वाली अदाकारा दीपिका पादुकोण और निर्देशक संजय लीला भंसाली को जान से मारने की धमकी तक मिली थी।
पद्मावत फिल्म की शूटिंग के दौरान ही राजपूत कर्णी सेना ने इसे लेकर विवाद शुरू कर दिया था। जयपुर के जयगढ़ किले में चल रही फिल्म की शूटिंग पर तोड़-फोड़ हुई तो संजय लीला भंसाली पर हमला भी हुआ। जय राजपुताना संघ ने भी कर्णी सेना का इसमें साथ दिया। राजस्थान की कई जगहों पर फिल्म के खिलाफ न सिर्फ नारेबाज़ी हुई बल्कि विरोध प्रदर्शन तक किए गए।
इससे पहले भी कई फिल्मों और सीरियल्स को लेकर विवाद सामने आया है। संजय लीला भंसाली की ही दो फिल्मों गोलियों की रासलीला राम लीला और बाजीराव मस्तानी पर भी विवाद ने जन्म लिया था।
जहां एक तरफ राम-लीला फिल्म के नाम में पौराणिक आधार पर ईश्वर के अवतार राम के नाम के इस्तेमाल पर लोगों की भावनाएं आहत हुई थीं तो वहीं बाजीराव मस्तानी में मस्तानी बाई और पेशवा बाजीराव की पत्नी के एक साथ नृत्य करने वाले सीन को लेकर लोगों को बुरा लगा था।
साल 2016 में रिलीज़ हुई फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान के काम करने पर तमाशा हो चुका है। फिल्म से उनके रोल को काटा भी गया था।
साल 2014 में रिलीज़ हुई फिल्म पीके के कुछ दृश्यों से कई धार्मिक समुदायों की भावनाएं आहत हो गईं। इस फिल्म को भी कई लोगों का बहिष्कार झेलना पड़ा था।
साल 2007 में रिलीज़ हुई फिल्म ब्लैक फ्राइडे पर भी अच्छा-खासा विवाद पनपा था। फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित यह फिल्म साल 1993 में मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलों पर आधारित थी, जिनमें 250 से भी अधिक लोगों की जानें गई थीं।
ब्लैक फ्राइडे साल 2004 में रिलीज़ होने वाली थी लेकिन इस समय मुम्बई हमले पर न्यायालय में कार्यवाही चल रही थी। जिसके चलते फिल्म रिलीज़ नहीं हो सकी और जब अदालत का फैसला आ गया उसके बाद साल 2007 में इसे प्रदर्शित किया गया।
साल 1994 में रिलीज़ हुई फिल्म बैंडिट क्वीन को भी विवाद का सामना करना पड़ा। अभिनेत्री सीमा बिस्वास के फिल्म में न्यूड सीन्स करने को लेकर काफी बवाल खड़ा हुआ था।
निर्देशक दीपा मेहता की फिल्म वॉटर को भी बहिष्कार झेलना पड़ा। आश्रम में रहने वाली विधवाओं के जीवन की परेशानियां दिखाती इस फिल्म से हिन्दू धर्म के कुछ लोगों की भावनाएं आहत हो गईं, बस फिर क्या था, घाटों पर फिल्म के पोस्टर जलाए गए तो वहीं अरूण पाठक ने फिल्म निर्माण को रोकने के लिए आत्मघाती विरोध प्रदर्शन किया।
ऐसी कई फिल्में हैं जिन पर कभी नाम को लेकर, कभी धार्मिक आधार पर तो कभी विचारधारा को लेकर विवाद हुआ है। 'आंधी', 'फायर', 'इंसाफ का तराज़ू', 'किस्सा कुर्सी का', 'पांच', 'पर्ज़ानिया', 'आर्टिकल 15', 'फना', 'माय नेम इज़ खान', 'मद्रास कैफे', 'ओ मॉय गॉड', 'मर्डर', 'रॉकस्टार', 'आरक्षण','रंग दे बसन्ती', 'बूम', 'निशब्द', 'लम्हा', 'कुर्बान', 'फिराक', 'हैदर' आदि उन्हीं में से कुछ फिल्में हैं।
इनके अलावा कई टीवी सीरियल्स भी भारत में विवाद की ज़द में आ चुके हैं। ज़ीटीवी पर प्रसारित होने वाला पौराणिक धारावाहिक जोधा-अकबर विवाद का विषय रहा है। राजपूत क्षत्रीय अखिल भारतीय सभा ने सीरियल के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए थे।
कलर्स चैनल पर प्रसारित हुए सीरियल बानी-इश्क़ दा कलमा के नाम पर भी काफी विवाद हुआ था। सिख समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया और निर्माताओं को रातों-रात इसका नाम बदलना पड़ा था।
बिग बॉस का हर सीज़न किसी न किसी विवाद का कारण बनता है। चाहे सारा खान की शादी हो या अनूप जलोटा का अफेयर, यह हमेशा ही विवादों से घिरा रहा है।
'सच का सामना', 'बालिका वधू', 'पति पत्नी और वो', 'इमोशनल अत्याचार' जैसे कई सीरियल्स के साथ विवाद जुड़े रहे हैं।
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