राज एक्सप्रेस। बता दें कि बिहार की सियासत में हमेशा उलट फेर देखने को मिला है वहीं इस बीच आरजेडी समर्थक खुले मन से जेडीयू का साथ नहीं दे रहे है। जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र के सपने देख रहे है वहीं बिहार में पल-पल बदलती सियासत को देख उनकी चिंता बढ़ती जा रही है ।
विपक्ष को एकजुट करने में लगे है नीतीश कुमार
एक तरफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे है नीतीश कुमार तो वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार से विपक्षी दल लगातार मुंह मोड़ ले रही है। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद नीतीश कुमार काफी खुश नजर आ रहे थे वहीं अब आप ने भी घोषणा कर दी है कि वो लोकसभा चुनाव में किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से मिलने की तैयारी कर रहे है ।
क्या हुआ था 2014 में जेडीयू का हाल
भाजपा के बिना 2014 में जेडीयू ने सिर्फ दो सीटों पर बिहार में सिमट गई थी वहीं 2019 में भाजपा के साथ जेडीयू ने 16 सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसे में इस बार भाजपा से अलग होकर नीतीश कुमार और उनके जेडीयू का क्या होगा?
आरजेडी नहीं दे रही खुले मन से नीतीश कुमार का साथ
बता दें कि जेडीयू अभी आरजेडी के साथ गठबंधन पर है पर आरजेडी खुले मन से जेडीयू का साथ नहीं दे रही है। जिस तरह से राजद के नेता सुधाकर सिंह के साथ और कई नेता बयान देते है उस से यह पता चलता है कि अब राजद बिहार की कुर्सी पर नीतीश को ज्यादा दिन तक नहीं देखना चाहते है ।
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