Shailendra Kumar RE
बिहार

बिहार के Supaul में पीठासीन अधिकारी Shailendra Kumar की हार्ट अटैक से मौत

Author : Akash Dewani

हाइलाइट्स :

  • बिहार के Supaul में पीठासीन अधिकारी Shailendra Kumar की हार्ट अटैक से मौत

  • मधुमेह के रोगी थे शैलेन्द्र, मॉर्निंग वाक के दौरान हुई मौत

  • अररिया में ऑन ड्यूटी होम गार्ड महेंद्र साह की हार्ट अटैक से मौत

Lok Sabha Election 2024 : सुपौल में एक मतदान केंद्र पर एक पीठासीन अधिकारी शैलेन्द्र कुमार (Shailendra Kumar) और एक होम गार्ड महेंद्र साह की कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी है। शैलेन्द्र, सरायगढ़ के चांदपीपुर पंचायत के केंद्र संख्या 154 पर सुबह पांच बजे मतदान केंद्र पर टहलते समय अचानक बेहोश बेहोश हो गए थे। मृतक पेशे से शिक्षक है जो सुपौल लोकसभा पीआरएलएन +2 हाई स्कूल रतनपुर में बूथ संख्या 154 पर तैनात किया गया था। शैलेन्द्र को तुरंत पीएचसी अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम करने के बाद पता चला है कि शैलेन्द्र डायबिटिक थे। शैलेन्द्र के अलावा बिहार के ही अररिया जिले में ऑन ड्यूटी होम गार्ड जवान महेंद्र साह (Mahendra Shah) की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह बूथ नंबर 49 जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पचैली में ड्यूटी पर थे। पुलिस मृत शरीर को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

सुपौल और अररिया का समीकरण :

सुपौल लोकसभा सीट में जद(यू) और कांग्रेस मुख्य दल हैं।1998 के लोकसभा चुनाव के बाद से 25 साल बाद राजद ने मौजूदा सांसद और जद-यू नेता दिलेश्वर कामैत के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। एनडीए ने यहां से मौजूदा जदयू सांसद दिलेश्वर कामैत पर भरोसा जताया है। वही, राजद ने सिंहेश्वर विधायक चंद्रहास चौपाल को मैदान में उतारा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में, जेडीयू के दिलेश्वर कामैत ने 266,853 वोटों के अंतर से सीट जीती।

अगर बात अररिया लोकसभा सीट की करे तो, भाजपा कैंडिडेट प्रदीप कुमार सिंह और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मोहम्मद शाहनवाज आलम चुनावी मैदान में है। शाहनवाज आलम, अररिया के पूर्व सांसद सरफराज आलम के छोटे भाई हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सिटिंग एमपी सरफराज आलम को प्रदीप कुमार सिंह ने 1 लाख 37 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। ऐसे में इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट, छोटे भाई को टिकट दे दिया। शाहनवाज जोकीहाट सीट से विधायक है। इस सीट पर उन्होंने अपने बड़े भाई सरफराज को ही AIMIM की टिकट पर चुनाव लड़ हराया था। 2022 में वे फिर RJD में शामिल हो गए थे। इसलिए पार्टी ने इस बार उन्हें अररिया से टिकट दिया है। हालांकि इस बात से नाराज सरफराज आलम ने RJD पर मुसलमानों का अपना बंधुआ मजदूर समझने का आरोप भी लगाया था। ऐसे में शहनवाज आलम के सामने सिटिंग एमपी प्रदीप कुमार के अलावा, अपने ही भाई सरफराज की नाराजगी की भी चुनौती होगी।

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