राज एक्सप्रेस । नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट भले ही जारी कर दी है, लेकिन इसे देश के शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी गई है। जातीय गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज 3 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन अब इसे छह अक्टूबर के लिए टाल दिया गया है। इससे पहले, इस मामल को लेकर छह सितंबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन बिहार सरकार की मांग के बाद इसे अक्टूबर के लिए टाल टाल दिया गया था। इस बीच, याचिकाकर्ता ने कोर्ट को आज बताया कि बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी है।
बिहार सरकार ने कोर्ट से कहा था कि उनके वकील किसी काम व्यस्त हैं, इसलिए दलील के लिए अगली तारीख चाहिए। राज्य सरकार के इस अनुरोध को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद सुनवाई, 3 अक्टूबर तक टाल दी थी। आज, जज संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि जातीय गणना के आकड़ों को जारी करने पर रोक लगाने के लिए पहले पटना उच्चन्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था जिसे अब शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसके बाद राज्य सरकार ने फिर से गणना शुरू कर दी थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इस कदम को वैध ठहराया था।
इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। जहां उन्होंने जातीय गणना की रिपोर्ट को फिलहाल जारी नहीं करने का अनुरोध भी किया, लेकिन शीर्ष न्यायालय ने रिपोर्ट जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि जातीय गणना कराने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। राज्य सरकार ऐसा करके गोपनीयता का उल्लंघन कर रही है।
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