पूर्णिया में होगा त्रिकोणीय मुकाबला
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किया नामांकन
राजद पर लगाया उनका राजनीतिक जीवन खत्म करने का आरोप
पूर्णिया, बिहार। महागठबंधन की सीट शेयरिंग में कांग्रेस को बिहार की पूर्णिया सीट नहीं मिलने के बाद आज पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल और प्रियंका गाँधी का आशीर्वाद प्राप्त है। कुछ दिन पहले महागठबंधन की मीटिंग में फैसला लिया गया था कि कांग्रेस बिहार की 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिसमे कांग्रेस को पूर्णिया सीट न मिलने पर पप्पू यादव खफा नज़र आ रहे थे। कल राजद प्रत्याशी बीमा भारती ने पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ पूर्णिया से नामांकन दाखिल कर दिया था।
पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने और अपनी माँ का आशीर्वाद लेने के बाद पप्पू यादव ने कहा कि "यह मेरी राजनीतिक हत्या की साजिश थी। सीमांचल की आजादी, जातीय विवाद, भ्रष्टाचार और नफरत का खात्मा करना मेरा प्राथमिक संकल्प है। हर परिवार की खुशी और गरीबी मिटाना ही मेरा संकल्प है। पूर्णिया की जनता ने हमेशा से पप्पू यादव को जात-पात से ऊपर रखा है। सबकी एक ही आवाज है पप्पू और पूर्णिया। मैं इंडिया गठबंधन को मजबूत करूंगा। मेरा संकल्प राहुल गांधी हैं।"
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने दावा करते हुए कहा कि "मुझे कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। मैंने अपनी पार्टी को विलय कर लिया था इसलिए निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ रहा है। जब मेरी भावना कांग्रेस में समर्पित है और मुझे कांग्रेस परिवार से अलग करने की कोशिश की गई। मुझे मरते दम तक मुझे कोई कांग्रेस परिवार से अलग नहीं कर सकता। कांग्रेस के उम्मीदवार के जिताने के लिए मेरे एक-एक वर्कर हर परिस्थिति काम करेंगे।"
हालाँकि, इसके विपरीत बिहार कांग्रेस प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में जो सीट कांग्रेस को मिली है उसके बाहर नामांकन करने की किसी को इजाजत नहीं है। अखिलेश ने बताया कि उन्होंने पप्पू यादव को नामांकन करने के लिए नहीं बोला।
पूर्णिया के चुनाव मैदान में जेडीयू के मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा के साथ साथ अब पप्पू यादव को आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती दो-दो हाथ करना है। बताया जा रहा है कि पप्पू यादव की वजह से बीमा भारती की उम्मीदवारी कमजोर पड़ सकती है। इसके आलावा पप्पू यादव बनाम राजद की इस लड़ाई से सबसे ज्यादा फ़ायदा भाजप के नेतृत्व वाली एनडीए को मिल सकता है। यह बात तो साफ़ नज़र आ रही है कि राजद किसी भी हाल में पप्पू यादव को पूर्णिया से चुनाव लड़ते हुए देखना नहीं चाहती है। ऐसे में देखने वाली बात होगी की क्या कांग्रेस नेता के इस कार्य से क्या महागठबंधन में दरार पड़ेगी की पूर्णिया में राजद और कांग्रेस के बीच फ्रेंडली मैच होगा।
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