एनडीए) सरकार के समय नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एनआइयू) का विकास तेज हुआ।
एनडीए सरकार ने नौ साल में अब तक 1744.90 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है।
उदार अनुदान के लिए नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहिए।
पटना, बिहार। प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के समय नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एनआइयू) का विकास तेज हुआ और यहां बौद्घ दर्शन, अन्तरराष्ट्रीय संबंध समेत सभी छह पाठ्यक्रमों की पढाई जारी है।
सुशील मोदी ने बयान जारी कर कहा कि नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना जिस कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार के समय हुई थी, उसने इसे 2010-2014 तक मात्र 29.78 करोड़ रुपये का अनुदान दिया, जबकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने नौ साल (2014-2023) में अब तक 1744.90 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है।
भाजपा सांसद ने कहा कि क्या अनुदान में भारी वृद्धि करना किसी की उपेक्षा का सूचक है। इतने उदार अनुदान के लिए तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां 30 देशों के छात्र हैं। न कोई पाठ्यक्रम बंद हुआ है, न किसी पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है।
सुशील मोदी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में 223 छात्र ज्ञान के विभिन्न अनुशासन (स्कूल) में अध्ययनरत हैं। इनमें 157 अन्य देशों से आये हैं। उन्होंने कहा कि बौद्घ दर्शन की पढाई के लिए नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय दुनिया भर के छात्रों की पहली पसंद बन गया है।
भाजपा सांसद ने कहा कि विदेश मंत्रालय यहां पढने वाले विदेशियों के लिए छात्रवृत्ति में लगातार वृद्धि कर रहा है। विदेशी राजनयिक यहां अक्सर आते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जी-20 सम्मेलन में नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष की प्रतिकृति लगवा कर दुनिया को भारत और बिहार की ज्ञान परम्परा का संदेश दिया, लेकिन विपक्ष को यह भी अच्छा नहीं लगा।
सुशील मोदी ने कहा एनडीए सरकार के 9 साल में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुथान देख कर बख्तियार खिलजी को पुरखा मानने वालों की छाती फट रही है।
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