हाइलाइट्स
सीएम नीतीश कुमार ने नव नियोजित शिक्षकों के लिए लिया बड़ा फैसला।
3.5 लाख संविदा (नियोजित) शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कैबिनेट बैठक के बाद दी जानकारी।
Bihar Cabinet Decision : पटना। बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए नितीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले लगभग 3.5 लाख संविदा (नियोजित) शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने का फैसला किया है। यह फैसला मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इस कैबिनेट में संविदा शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी दर्जा और नई पर्यटन नीति की मंजूरी के साथ 29 अजेंडों पर मुहर लगी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते बताया कि, इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना के तुरंत बाद, पिछले कई वर्षों से विभिन्न राज्य-संचालित स्कूलों में पढ़ा रहे इन संविदा शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी के दर्जे के साथ 'अनन्य शिक्षक' माना जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को कैबिनेट के समक्ष राज्य शिक्षा विभाग द्वारा एक प्रस्ताव रखा गया था, जिसे बाद में मंजूरी दे दी गई।
गौरतलब है कि, इसी साल सरकार द्वारा नव नियोजित शिक्षकों की नियमावली में संशोधित किया गया था। जिसमें नव निनोइट शिक्षण को सरकारी कर्मचारी का दर्जा पाने के लिए BPSC परीक्षा पास करनी थी, लेकिन सरकार के इस फैसले का युवाओं ने खूब विरोध किया था। जिसके बाद इसे वापस ले लिया गया था।
नव नियोजित शिक्षकों को पास करनी होगी सक्षमता परीक्षा
अब नव नियोजित शिक्षकों को BPSC परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं है लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा सक्षमता परीक्षा में बैठने की जौरात है। नवनियोजित शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद सरकारी कर्मचारी दर्जा देने के साथ BPSC टीचर्स की तर्ज वेतनमान दिया जायेगा।
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