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भारत और अमेरिका के बीच होगी 7.5 अरब डॉलर की बड़ी डील

भारत और अमेरिका के बीच 7.5 अरब डॉलर के रक्षा उपकरणों के सौदे जल्द होने जा रहे हैं, यह सौदे अपने अंतिम चरण में हैं। इसके अलावा भारत द्वारा रूस को S-400 के लिए 800 मिलियन डॉलर का भुगतान कर दिया गया है।

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • भारत और अमेरिका के बीच होगी बड़ी डील

  • डील की कीमत होगी 7.5 अरब डॉलर

  • भारत ने किया 800 मिलियन डॉलर का भुगतान

  • S-400 के लिए हुआ भारत से सौदा

  • अमेरिका से रक्षा सौदे की तैयारी लगभग हुई पूरी

राज एक्सप्रेस। अब भारत की अमेरिका से बहुत बड़ी डील होने जा रही है, यह डील भारत और अमेरिका के बीच होगी जो, भारतीय करेंसी के हिसाब से लगभग 52 हजार करोड़ (7.5 अरब डॉलर) की होगी। भारत और अमेरिका के बिच रक्षा उपकरणों को खरीद को लेकर डील की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। इन रक्षा उपकरणों में सशस्त्र ड्रोन और नौसेना के 12 जासूसी विमान शामिल हैं। जल्द ही यह दोनों सौदे पूरे होने जा रहे हैं। सशस्त्र ड्रोन का पहला सौदा सेना के तीनों अंगों के लिए मत्वपूर्ण है और दूसरा सौदा नौ सेना के लिए मत्वपूर्ण है।

दोनों सौदों के फायदे :

सशस्त्र ड्रोन की डील पक्की होने से सेना के तीनों अंगों को फायदा होगा क्योंकि सशस्त्र ड्रोन की खासियत यह है कि, सशस्त्र ड्रोन के द्वारा बहुत ज्यादा ऊंचाई से भी जमीन पर होने वाली गतिविधियों को आसानी से देखा जा सकता है। इस ड्रोन में किसी मानव पर बिना नुकसान पहुचायें आसानी से नज़र रखी जा सकती है। इसके अलावा दूसरे सौदे से नौसेना को काफी फायदा होगा साथ ही नौसेना के अलावा अन्य सशस्त्र बलों की क्षमता भी बढ़ेगी। हालांकि, तीनों सेनाओं की जरूरतें अलग-अलग होती हैं, परन्तु यह सौदे तीनों सेनाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही किये गए हैं।

अमेरिका को अनुरोध पत्र :

आने वाले दो-तीन माह में सभी उपकरणों के सभी सौदों को खरीदने के लिए एक साथ अमेरिका को अनुरोध पत्र भेज दिया जाएगा। मुख्य बात यह है कि, जून 2019 में अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा भारत को सशस्त्र ड्रोन बेचने की अनुमति मिल चुकी है। इसके अलावा ड्रोन में जरूरी मिसाइल और अन्य उपकरणों को लगाने का प्रस्ताव भी पास किया गया था।

S-400 का सौदा :

वहीं खबरों के अनुसार, भारत द्वारा रूस को S-400 एंटी एयरक्रॉफ्ट मिसाइल सिस्‍टम के लिए 800 मिलियन डॉलर की राशि का भुगतान कर दिया गया है। रूसी समूह रोसटेक के CEO रोस्टेक सर्गेई केमेजोव ने सोमवार को बताया कि, रूसी और भारत की बातचीत अभी भी चल ही रही है। अब उम्मीद यह है कि भारत के साथ होने वाले यह सभी सौदे 2025 तक पूरे हो जाएंगे।

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