उत्तराखंड, भारत। देश में कोरोना महामारी के हालात बेकाबू होने के कारण एक बार फिर रोजाना संक्रमित होने वालों की संख्या लाखों के करीब दर्ज हो रही है। तो वहीं, इस साल 2022 में आगामी 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व है और इस दिन गंगा स्नान और दान पुण्य का विशेष महत्व है। ऐसे में तमाम श्रद्धालु स्नान के लिए तीर्थ नगरी हरिद्वार जाते हैं, लेकिन इस बार श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी नहीं लगा सकेंगे, क्योंकि हरिद्वार ज़िला प्रशासन की ओर से इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं के स्नान करने पर प्रतिबंध :
इस बारे में हाल ही में खबर सामने आई है कि, हरिद्वार ज़िला प्रशासन ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं के स्नान करने पर प्रतिबंध लगा दिया। इस बारे में हरिद्वार के विनय शंकर पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि, ''हरिद्वार ज़िला प्रशासन ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं के स्नान करने पर प्रतिबंध लगाया। हर की पौड़ी पर भी प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। 14 जनवरी को रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा।''
हरिद्वार में भी कोरोना और ओमीक्राॅन का खतरा :
हरिद्वार में भी करोना वायरस और नए वेरिएंट ओमीक्राॅन का खतरा बना हुआ है, ऐसे में कोई लापरवाही न करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी और जिलाधिकारी ने स्नान पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है। इस आदेश के साथ हर की पौड़ी क्षेत्र पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय लोगों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिलाधिकारी ने इस संबंध में आदेश भी जारी करने के साथ ही ये भी कहा है कि, ''आदेश न मानने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।''
बता दें कि, मकर संक्रांति का पावन त्योहार पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने की पुरानी परंपरा है, लेकिन देशभर में महामारी कोराना वायरस ने जमकर आतंक मचा रखा है, कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच कई राज्यों की सरकार अपने-अपने प्रदेश में सख्ती कड़ी कर रही है और लोगों को मास्क, सोशल डिंस्टेसिंग डिस्टेंसिंग की सलाह दी जा रही है।
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