राज एक्सप्रेस। देश के पूर्व वित्त मंत्री और दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली ने अपने कार्यकाल में जीएसटी, बैंक मर्जर, नोटबंदी जैसे कई अहम फैसलों को अंजाम दिया। आज उनकी तीसरी पुण्यतिथि है और समूचे भारत में राजनेता और आमजन उन्हें श्रद्धांजली दे रहे हैं। अरुण जेटली ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वित्त मंत्री का पद संभाला था। इस पद पर रहते हुए उन्होंने ऐसे कई बड़े फैसले लिए जिसके बदले में उन्हें जनता से प्यार मिला। वे राजनेता के तौर पर काम करने के साथ ही सभी दलों के बीच आर्थिक मामले के विवाद को भी खत्म करने में अहम भूमिका निभाते थे। चलिए आज हम उनके ऐसे फैसलों के बारे में बात करते हैं।
जीएसटी :
अरुण जेटली के द्वारा देश में जीएसटी सिस्टम लागू किए जाने को सबसे बड़े टैक्स सुधारक फैसलों में से एक माना जाता है। जीएसटी के लागू होने से लोगों की जेब के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर भी खासा प्रभाव पड़ा है। हालांकि इस दौरान भी उनके सामने मुआवजे जैसी समस्या थी, लेकिन इसका समाधान निकालते हुए वे अपने फैसले पर अड़े रहे।
नोट बंदी :
नोट बंदी को देश का वह फैसला माना जाता है, जिसे लेना किसी के लिए भी आसान नहीं था। क्योंकि यह कालेधन के खिलाफ चलाए जाने वाले सबसे मजबूत क़दमों में से एक है। नोट बंदी करते हुए उन्होंने काले धन पर लगाम लगाई। जबकि साथ ही कॉम्प्रहेंसिव बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट और ब्लैक मनी एक्ट को भी लागू किया।
बैंक मर्जर :
उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्जर किया था। जबकि इसके अलावा एसबीआई जैसे बैंक का भी कुछ एसोसिएट बैंक का मर्जर हुआ। बैंक मर्जर के कारण बैंकों के बीच घाटा कम होने से बैंकिंग ऑपरेशन में सुधार भी देखने को मिला।
आईबीसी :
अर्थव्यवस्था की राह में ही एक और मददगार कदम अरुण जेटली ने आईबीसी के रूप में उठाया। इससे कर्ज की रिकवरी में एक बड़ा फायदा हुआ। जिसकी मदद से ही देश में करोड़ों रुपए भी वापस आए। साथ में दूसरे देशों में भारत के बैंकिंग सिस्टम के लिए भी मानसिकता बदली है।
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