बेंगलुरु। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रविवार को कहा कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मजबूत रक्षा मुद्रा बनाए हुए है और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार है। जनरल पांडे ने यहां 75वें सेना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा,“पश्चिमी सीमा पर नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम जारी है और उल्लंघन में काफी कमी आई है। हालांकि सीमा के दूसरी तरफ अभी भी आतंकी ढांचा बना हुआ है।” उन्होंने कहा कि सेना, मौजूदगी दर्शाने के लिए प्रॉक्सी संगठनों द्वारा की जा रही लक्षित सभी हत्याओं को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत का घुसपैठ रोधी ग्रिड वहां से घुसपैठ को लगातार नाकाम कर रहा है।
जनरल पांडे ने कहा कि ड्रोन के जरिए जम्मू और पंजाब सीमा क्षेत्रों में हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के प्रयासों को विफल करने के लिए काउंटर-ड्रोन जैमर का इस्तेमाल किया जा रहा है।जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर उन्होंने कहा,“वहां के लोगों ने हिंसा छोड़ दी है और सकारात्मक बदलाव का स्वागत कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सेना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में हिंसा के स्तर को कम करने और विद्रोहियों को हिंसा का रास्ता छोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। परंपराओं से हटकर, 1949 में अपनी स्थापना के बाद से नई दिल्ली में होने वाली सेना दिवस परेड का उद्घाटन एमईजी और केंद्र के परिसर में गोविंदस्वामी परेड ग्राउंड में किया गया। जनरल पांडे ने परेड की समीक्षा की और बहादुरी और बलिदान के व्यक्तिगत कार्यों के लिए वीरता पुरस्कार प्रदान किए।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को समृद्ध श्रद्धांजलि अर्पित की और देश और इसकी सीमाओं की रक्षा करने में उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि उनकी वीरता अतुलनीय है। श्री मोदी ने ट्विटर पर भी कहा, “सेना दिवस पर, मैं सभी सैन्य कर्मियों, दिग्गजों और उनके परिवारों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। प्रत्येक भारतीय को हमारी सेना पर गर्व है और हमेशा हमारे सैनिकों का आभारी रहेगा।”
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