सेना और देश गौरव के साथ याद कर रहा है 'परमवीर' कैप्टन बत्रा को Social Media
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सेना और देश गौरव के साथ याद कर रहा है 'परमवीर' कैप्टन बत्रा को

बाइस वर्ष पूर्व कारगिल की चोटी को फतह करने वाले सेना के जांबाज शहीद और परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा को सेना और देश उनकी 22 वीं पुण्यतिथि पर गौरव के साथ याद कर रहा है।

Author : News Agency

नयी दिल्ली। बाइस वर्ष पूर्व कारगिल की चोटी को फतह करने वाले सेना के जांबाज शहीद और परमवीर चक्र (Param Vir Chakra) विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) को सेना और देश उनकी 22 वीं पुण्यतिथि पर गौरव के साथ याद कर रहा है। सेना ने अपने परमवीर चक्र (Param Vir Chakra) विजेता रणबांकुरे कैप्टन बत्रा की पुण्यतिथि पर ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने मिशन पर जाने से पहले कहा था, '' तिरंगे को फहरा कर या फिर तिरंगे में लिपटा हुआ आऊंगा, पर आऊंगा जरूर"। ''यह दिल माँगे मोर"। सेना ने कहा है कि कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) के यह प्रेरक वाक्य , देश के लोग आज भी अपने होठों पर सजाए फिरते हैं।

कारगिल (Kargil) के प्वाइंट 4875 पर कब्जे का उल्लेख करते हुए सेना ने अपने जांबाजों की बहादुरी की प्रशंसा की है। सेना ने कहा है, '' भारतीय सेना ने अदम्य साहस,पराक्रम व बलिदान का परिचय देते हुए प्वाइंट 4875 पर कब्ज़ा किया। जयघोष से द्रास की श्रृंखलाएं गूंज उठी। मातृभूमि के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण से सदैव भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाले देश के वीर जवानों को हमारा नमन।"

ट्वीटर पर बड़ी संख्या में देशवासी भी ट्वीट कर कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra)की बहादुरी का बखान करते हुए उन्हें याद कर रहे हैं। कारगिल (Kargil) की चोटियों से दुश्मनों को खदेड़ने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा की आज 22 वीं पुण्यतिथि है। कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) को उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

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