साल 2023 की शुरूआत में साइबर क्राइम के केसेस में 18 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी देखी है।
साइबर अपराधी किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं।
युसर्स को स्वयं अपनी और अपने डाटा की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है।
राज एक्सप्रेस। भारत ने इस साल की शुरूआत में साइबर क्राइम के केसेस में 18 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी देखी है। साइबर अपराध यानी कंप्युटर या कंप्युटर नेटवर्क के जरिये होने वाले अपराधों ने विश्वभर को परेशान कर रखा है। इंटरनेट ने भले ही लोगों के जीवन को कई मायनों में आसान बनाया है, पर साइबर अपराध के रूप में इसने कई चुनौतियां भी पेश की है। साइबर अपराधो के जरिये, अपराधी हर साल 1.5 ट्रिलियन से ज्यादा की कमाई कर लेते है। अगर आप इन अपराधों का शिकार नहीं बनना चाहते तो आपको इन्हें समझना व बचाव के तरीके जाना बहुत जरुरी है।
आपके इलेक्ट्रोनिक सिस्टम पर अटैक करके साइबर अपराधी कई तरीकों से अपने मक्सद को अंजाम देते हैं। व्यक्तिगत जानकारी की चोरी, वित्तीय धोखादड़ी, अवैध कामों के लिए आपके डिवाइस का इस्तेमाल करना, आपकी ऑनलाइन ऐकटिविटीस पर नजर रखना, सभी साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। इन सभी तरीकों से युसर्स के व्यक्तिगत डाटा और वित्तीय लेन-देन को सबसे ज्यादा खतरा होता है।
साइबर अपराधी किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं। इसलिए युसर्स को स्वयं अपनी और अपने डाटा की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। कुछ आसान सावधानियों और सतर्कता से युसर्स साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सकते हैं-
अनजान सोर्स से आई किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें।
अनजान फोन कॉल्स पर किसी को भी संवेदनशील वित्तीय जानकारी ना दें।
संवेदनशील डाटा और वित्तीय लेन-देन के एप्स पर हमेशा स्ट्रोंग पासवर्ड लगाकर रखें।
थर्ड पार्टी ऐप को डाउनलोड ना करें।
अपने डिवाइस पर किसी भी एप को अनावश्यक जानकारी ना दें।
अपने डिवाइस के ओपरेटिंग सिस्टम को अपडेटेड रखें। एप्स के भी अपडेटेड वर्जन्स का ही इस्तमाल करें।
सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारियों को साझा ना करें। इमेल आईडी और फोन नंबर को भी पब्लिक के लिए लॉक रखें।
ब्राउजर में पासवर्ड को सेव ना करें।
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