राज एक्सप्रेस। भारत का 15वां राष्ट्रपति कौन होगा? इसका फैसला जल्द ही देश के सामने आ जाएगा। चुनाव आयोग आज देश के अगले राष्ट्रपति के नाम का ऐलान करेगा। इस बार चुनाव में भाजपा और उनके सहयोगी दलों की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है। वैसे जिस तरह से द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के अलावा अन्य पार्टियों का भी समर्थन मिला है, उससे द्रौपदी मुर्मू का जीतना लगभग तय माना जा रहा है। बस यह देखना बाकी है कि द्रौपदी मुर्मू कितने वोटों से जीत दर्ज करती है। हालांकि कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें नहीं पता है कि राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की गिनती कैसे होती है। आइए हम आपको बताते हैं वोटों की गिनती की पूरी प्रक्रिया के बारे में :
वोटों का गणित :
दरअसल राष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के सदस्य और राज्यों की विधानसभा के सदस्य मिलकर वोट करते हैं। इस चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 4796 थी। इस बार एक सांसद के वोट की वैल्यू 700 है जबकि विधायकों के वोट की वैल्यू उनके राज्य की आबादी के हिसाब से अलग-अलग है। सभी सांसदों के वोट की कुल वैल्यू 5 लाख 43 हजार 200 है जबकि देशभर के सभी विधायकों के वोट की वैल्यू 5 लाख 43 हजार 231 है। इस तरह दोनों के वोटों की कुल वैल्यू 10 लाख 86 हजार 431 है। किसी भी उम्मीदवार को जीत हासिल करने के लिए कुल वोटों का 50 प्रतिशत से ज्यादा हासिल करना होगा।
कैसे होगी मतगणना?
वोटिंग के बाद सभी राज्यों में भेजी गई मत पेटी को सील कर वापस दिल्ली लाया गया है। गिनती के दौरान सभी राज्यों की मत पेटी को अलग-अलग रखा जाएगा। इसके बाद एक राज्य की मत पेटी को खोला जाता है। जिस मतपत्र में पहली वरीयता के रूप में द्रौपदी मुर्मू का नाम होगा, उसे मुर्मू के नाम की ट्रे में रखा जाएगा, जबकि यशवंत सिन्हा के नाम वाले मतपत्र को उनके नाम की ट्रे में रखा जाएगा। सभी मतों को अलग-अलग करने के बाद उनके वोट की वैल्यू के हिसाब से गिनती होती है और अंत में 50 से ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाएगा।
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