हरियाणा, भारत। हरियाणा फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी में कई कमियां देखी। इस कंपनी की कफ सिरप की वजह से गांबिया में पिछले कुछ महीनों में कई बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की थी। वहीं अब इस मामले पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अनिल विज ने कही यह बात:
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बयान जारी करते हुए कहा कि, "सोनीपत फार्मास्युटिकल कंपनी की जो तीन दवाईंयां WHO द्वारा बताई गईं उनके सैंपल सेंट्रल ड्रग लैब भेजे गए हैं।अभी रिपोर्ट नहीं आई है, उसके बाद कार्रवाई होगी। लेकिन केंद्र और हरियाणा राज्य के दवा विभागों की संयुक्त निरीक्षण के बाद इनमें लगभग 12 खामियां पाई गई।"
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आगे कहा कि, "इसे मद्देनजर रखते हुए निर्णय लिया गया है कि इसका कुल उत्पादन बंद कर दिया जाए।"
जानकारी के लिए बता दें कि, इस मामले में हरियाणा फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन ने सोनिपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स का निरीक्षण किया, तो कुल 12 खामियां पाईं गईं। इसके साथ ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं, कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा गया कि, ऐसी स्थिति में कंपनी का विनिर्माण लाइसेंस रद्द क्यों न किया जाए। कंपनी को कारण बताओ नोटिस का जवाब देना है।
ये कफ सिरप पाई गई बहुत ही हानिकारक:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, माकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल पाए गए, जो बच्चों और वयस्कों के लिए हानिकारक हैं। इस कफ सिरप से कई बच्चों की मौत हो गई, जिसके बाद इसको लेकर लगातार जांच जारी है।
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