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मोदी जी ने 'पॉलिटिक्स ऑफ परफ़ॉर्मेंस' की शुरुआत की है, अब जो देशनिष्ठ होगा वही शासन करेगा: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज समान नागरिक संहिता, सीएए, चुनाव, श्रद्धा मर्डर केस समेत अहम मुद्दों को लेकर दी यह प्रतिक्रिया...

Priyanka Sahu

दिल्ली, भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुरुवार को एक समिट में पहुंचे, इस दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने समान नागरिक संहिता, सीएए, चुनाव समेत अहम मुद्दों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

अमित शाह ने कहा- आजादी के अमृत महोत्सव से आजादी की शताब्दी तक का ये कालखंड फिर से एक बार भारत को विश्व में सबसे महान बनाने का कालखंड है। मोदी जी ने देश की राजनीति को जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मुक्त कर 'पॉलिटिक्स ऑफ परफ़ॉर्मेंस' की शुरुआत की है, अब जो देशनिष्ठ होगा वही शासन करेगा।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं और बहसों के पूरा होने के बाद देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिये प्रतिबद्ध है। यह जन संघ के दिनों से ही भाजपा द्वारा देश के लोगों से किया गया एक वादा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे यह भी कहा कि, “न सिर्फ भाजपा ने, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उचित समय आने पर यूसीसी लागू करने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं? हर धर्म के व्यक्ति के लिए संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित एक ही कानून होना चाहिए।” 

  • समय बीतने के साथ संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को भुला दिया गया।

  • भाजपा को छोड़कर, कोई भी दल समान नागरिक संहिता के समर्थन में नहीं है। एक लोकतंत्र में स्वस्थ चर्चाएं जरूरी हैं। इस मुद्दे पर खुली एवं स्वस्थ बहस किए जाने की जरूरत है।

  • भाजपा शासित तीन राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सर्वोच्च अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया है, जिसके सामने अलग-अलग धर्मों के लोग इस मुद्दे को लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं।

  • हम इस अभ्यास में मिलने वाले सुझावों के आधार पर कार्रवाई करेंगे। सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं के पूरा होने के बाद भाजपा यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

  • हम जब चले थे तो हमें पता था कि हमें कहीं सत्ता नहीं मिलने वाली। हम तब भारतीय जनसंघ में थे। हम लोग अपनी विचारधारा लेकर निकले थे और हमने यह लड़ाई लड़ी है। चुनाव हमारे लिए हर व्यक्ति कर विचारधारा पहुंचाने का एक जरिया है। लोग हमारा मजाक उड़ाते थे। मैं कई ऐसे प्रत्याशियों से मिला हूं, जिन्होंने जमानत बच जाने की दावतें दी थीं। बीजेपी ने इस प्रकार की लड़ाई लड़ी है। बीजेपी चुनाव चाहे वह पंचायत का हो या फिर आम चुनाव, उसे सत्ता हासिल करने का माध्यम नहीं मानती है।

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