कोरोना वैक्सीन -70° तापमान में रखने की जरूरत, भारत के लिए चुनौती: गुलेरिया Priyanka Sahu -RE
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कोविड वैक्सीन को -70° तापमान में रखने की जरूरत, भारत के लिए चुनौती:गुलेरिया

दिल्‍ली एम्स के डायरेक्टर ने कहा- फाइजर के कोविड-19 वैक्सीन के फेज 3 के नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं, लेकिन इसे -70 डिग्री तापमान पर स्टोर करना होता है और ये भारत और दूसरे देशों के लिए चुनौती है।

Author : Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। दुनियाभर के देश महामारी कोरोना वायरस के काल में घिरे हुए हैं और ये प्राणघातक वायरस अपना संक्रमण कम नहीं बल्कि लगातार बढ़ाता ही जा रहा है। इस बीच अब सभी देश को जल्‍द ही इस महामारी से छुटकारा पाने के लिए कोरोना वैक्सीन की आस है और वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए आज एक बड़ी खुशखबरी आई है कि, कोरोना वैक्सीन आने वाली है, लेकिन अब स्टोरेज की समस्‍या एक बड़ी चुनौती बन रही है।

फाइजर के वैक्सीन के साथ ये है चुनौती :

दरअसल, अमेरिका की दवा निर्माता कंपनी 'फाइजर इंक' द्वारा निर्मित कोरोना की वैक्सीन पर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आज बुधवार को ये प्रतिक्रिया दी है कि, ''फाइजर के वैक्सीन कोरोना वायरस को रोकने में 90 प्रतिशत तक कारगर है। हालांकि, वैक्सीन बन जाने से ही मुश्किलें खत्म नहीं होने वाली हैं। अगली चुनौतियां हैं भंडारण, वितरण और टीकाकरण। फाइजर के वैक्सीन को -70 डिग्री तापमान में स्टोर करना होगा, जोकि भारत सहित दूसरे देशों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है।''

फाइजर कोरोना वायरस वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस पर रखने की जरूरत है और इस तरह के लॉजिस्टिक्स की भारत में व्यवस्था करना मुश्किल हो सकता है।
डॉ. रणदीप गुलेरिया

वैक्सीन के फेज 3 के नतीजे बेहद उत्साहजनक :

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने ये भी बताया- फाइजर के कोविड-19 वैक्सीन के फेज 3 के नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं, लेकिन इसे -70 डिग्री तापमान पर स्टोर करना भारत और दूसरे देशों के लिए चुनौती है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। फाइजर के वैक्सीन के साथ चुनौती यह है कि इसे -70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करना होता है।

लो और मिडिल इनकम वाले देशों के लिए कोल्ड चेन मेंटेन करना बड़ी चुनौती है, क्योंकि वैक्सीन को काफी कम तापमान पर रखना होगा, खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में यह बड़ा कठिन है। इस वैक्सीन में काफी क्षमता है, लेकिन हमें आ रहे अन्य वैक्सीन को भी देखना होगा। फेज-3 में पहुंच चुके सभी वैक्सीन के लिए उत्साहजनक खबरें हैं।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया

डॉ. रणदीप गुलेरिया द्वारा आगे ये भी कहा गया कि, ''फाइजर की ओर से किए गए दावों की विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की आवश्यकता है, लेकिन यह घोषणा अन्य वैक्सीन के लिए भी अच्छा संकेत है। जो डेटा फाइजर ने जारी किया है, वे काफी उत्साहजनक हैं, हालांकि इसकी समीक्षा विशेषज्ञों ने नहीं की है। फेज 3 ट्रायल्स में 40 हजार से अधिक लोगों को यह टीका लगाया गया। यह करीब 90 फीसदी प्रभावी पाया गया है।''

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