यूआईडीएआई ने किया आधार में महत्वपूर्ण बदलाव Syed Dabeer Hussain - RE
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अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा आपका आधार, यूआईडीएआई ने किया यह महत्वपूर्ण बदलाव

दरअसल यूआईडीएआई ने आधार को सुरक्षित बनाने के लिए ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके एक नया सुरक्षित सिस्टम तैयार किया है।

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। वर्तमान समय में आधार कार्ड हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। बैंकिंग से लेकर किसी भी तरह की सरकार योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड बेहद आवश्यक है। हालांकि आधार कार्ड के बढ़ते इस्तेमाल के बीच इसके जरिए धोखाधड़ी के मामले भी अक्सर सामने आते हैं। ऐसे में इसे सुरक्षित बनाने के लिए आधार कार्ड को जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई लगातार बदलाव करती रहती है। हाल ही में यूआईडीएआई ने आधार कार्ड में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे आधार का इस्तेमाल और भी ज्यादा सुरक्षित होगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग :

दरअसल यूआईडीएआई ने आधार को सुरक्षित बनाने के लिए ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके एक नया सुरक्षित सिस्टम तैयार किया है। यह मैकेनिज्म आधार कार्ड में दर्ज फिंगरप्रिंट की बारीकी से जांच करेगा। इस नए सिस्टम में ‘फिंगर मिन्यूशिया’ और ’ फिंगर इमेज’ का इस्तेमाल किया जाएगा।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन :

अगर हम आसान भाषा में समझे तो इस तकनीक के जरिए आपका आधार टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन से लैस होगा। यानी पहले यूजर के फिंगरप्रिंट की डिटेल ली जाएगी और फिर उस डिटेल का फिंगर इमेज के साथ मिलान किया जाएगा। ऐसा करने से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि आधार का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति सही है या नहीं। इसकी मदद से स्पूफिंग की कोशिशों की संभावनाओं को और भी कम किया जा सकेगा।

कहां-कहां होगा इसका इस्तेमाल?

बता दें कि इस नए फीचर का इस्तेमाल बैंकिंग और फाइनेंशियल, टेलीकॉम और सरकारी विभागों के द्वारा किया जाएगा। इस नए फीचर के जरिए आधार से जुड़ा पेमेंट सिस्टम और भी ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। यूआईडीएआई का कहना है कि इस नए फीचर को कई महीनों के विचार-विमर्श के बाद लागू करने का फैसला लिया गया है। इसकी मदद से आधार पर आधारित वित्तीय लेन-देन अधिक सुरक्षित होगा।

क्यों पड़ी जरूरत?

दरअसल हमारे देश में आधार प्रमाणीकरण लेन-देन लगातार बढ़ रहा है। दिसंबर 2022 के अंत तक आधार प्रमाणीकरण लेन-देन 880 करोड़ को पार गया। हर दिन औसतन 7 करोड़ लेनदेन इसके जरिए होते हैं। यहीं कारण है कि यूआईडीएआई इसे सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

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