इंदौर, मध्यप्रदेश। सोनी सब के पौराणिक शो धर्म योद्धा गरुड़ ने अपनी दिलचस्प कहानी और अलग-अलग किरदारों से अपने प्रशंसकों का ध्यान खींचने में लगातार सफलता हासिल की है। मां-बेटे के अनूठे रिश्ते को दिखाने से लेकर बलिदान, दृढ़ता और समर्पण की अनकही कहानी बताने के लिए भारतीय धर्मशास्त्रों के कम ज्ञात किरदारों को हमारे सामने प्रस्तुत करने तक, इस शो ने भारतीय टेलीविजन पर एकदम अलग अनुभव पेश किया है। अब तक की अपनी कामयाबी के बारे में बात करने के लिए, गरुड़ (फैज़ल खान) अपने को-स्टार्स विनिता (तोरल रसपुत्रा), कादरू (पारुल चौहान) और कालिया (अंकित राज) के साथ आज इंदौर शहर पहुंचे। सभी कलाकारों ने यहां अपने प्रशंसकों से मुलाकात की और उनके साथ एक मजेदार दिन बिताया।
मां का सम्मान लौटाने की शपथ :
दासता में जन्मे गरुड़ एकमात्र उद्देश्य के साथ बड़े होते हैं कि अपनी मां को अधीनता से मुक्त कराएंगे। अपनी मां का सम्मान लौटाने की शपथ को पूरा करने के लिये गरुड़ सूर्यलोक से कादरू के लिये सूर्यफूल लाने की साहसिक यात्रा आरंभ करते हैं, इस आशा के साथ कि कादरू अब उनकी मां विनिता को दासता से मुक्त करने पर विचार करेगी। गरुड़ न केवल सूर्यफूल प्राप्त करते हैं, बल्कि शनिदेव से एक वरदान भी पाते हैं, जिससे वे अपनी इच्छा के अनुसार अपना आकार बदल सकते हैं। हालांकि, अपना लक्ष्य पूरा होने के बावजूद गरुड़ को लौटने पर यह पता चलता है कि उनके पंखों में छुपे उनके नागबंधु सूर्यदेव के ताप से आधे जल गये हैं और उनकी इस स्थिति का आरोप गरुड़ और उनकी मां विनिता पर लग जाता है। कादरू के पुत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये गरुड़ क्या करेंगे?
कलाकारों ने इंदौर की तारीफ :
फैज़ल ने कहा, इस किरदार को निभाते हुए मुझे इतना कुछ सीखने को मिल रहा है कि उसे शब्दों में बयां करना कठिन है। हर नया अध्याय एक नई चुनौती लेकर आता है और मैं अपनी क्षमता से बढ़कर प्रदर्शन करता हूँ। एक टीम के तौर पर हम यह सुनिश्चित करने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं कि हमारी माइथोलॉजी की प्रामाणिकता से समझौता न हो और हम लगातार मनोरंजन भी करते रहें। आज इंदौर आकर हमारे प्रशंसकों के साथ करीब से बातचीत करके मैं बहुत खुश हूं। तोरल ने कहा, विनिता के किरदार के विभिन्न पहलुओं का स्पर्श करते हुए मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। सतही तौर पर यह किरदार कमजोर और दबा हुआ लगता है, लेकिन विनिता सबसे ज्यादा मजबूत है, क्योंकि उसे सारे रहस्य पता हैं, लेकिन वह अपने बेटे की भलाई के लिये उन्हें छुपा रही है। उसका किरदार भारतीय माइथोलॉजी के सबसे निस्वार्थ किरदारों में से एक भी है और मुझे उम्मीद है कि मैं इस किरदार को निभाने में न्याय कर पा रही हूँ। अपने साथी कलाकारों के साथ आज इंदौर आकर मैं वाकई उत्साहित हूँ और यहां से मिल रहा प्यार और समर्थन देखकर खुश हूँ। पारूल ने कहा, एक एक्टर के तौर पर कादरू जैसा जटिल किरदार निभाना संतोषजनक और रचनात्मक रूप से संतुष्टि देने वाला है। ऐसा ईष्र्यालु और नकारात्मक किरदार निभाने के लिये काफी मानसिक तैयारी करनी पड़ती है, जिसके लिये राज करना सबसे ज्यादा मायने रखता है। इसके लिये पहले अपने भीतर क्रूरता लानी पड़ती है, जिसमें मुझे सबसे ज्यादा मजा आ रहा है। अंकित ने कहा, कालिया के किरदार को निभाने की सबसे अच्छी बात यह है कि उसे बुरा होने का कोई पछतावा नहीं है। गरुड़ के लिये वह सहजता से घृणा रखता है, उसका घमंड उसके साथ ही चलता है और अपने भाई के जीवन को दुखमय बनाने में वह कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इंदौर में अपने साथी कलाकारों और प्रशंसकों के साथ ढेर सारी मस्ती की और यहां के लोगों से अपने अनुभव साझा किए।
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