शबाना आज़मी ने लांच की मदरहुड पर बेस्ड 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी' बुक  Social Media
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शबाना आज़मी ने लांच की मदरहुड पर बेस्ड 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी' बुक

शबाना आजमी कभी भी अपनी माँ के साथ बिताए हुए यादों को साझा करने में कभी नहीं हिचकती है और वह इन पलों को लेकर खुलकर बात करना पसंद करती है। वहीं, अब वह अपनी एक किताब लांच के मौके पर नजर आई।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। बीते काफी समय से बॉलीवुड के कई सितारें भले ही बड़े पर्दे से गायब हो, लेकिन वह फिर भी चर्चा में नजर आ ही जाते है। जैसे कि,बॉलीवुड की लीजेंड एक्ट्रेस शबाना आज़मी पिछले काफी समय से बड़े पर्दे से गायब है, लेकिन वह इन दिनों काफी चर्चा में है। इसके अलावा जब भी माँ से जुड़ी कोई बात हो और उनका जिक्र न हो ऐसा तो हो ही नही सकता,क्योंकि, शबाना आजमी कभी भी अपनी माँ के साथ बिताए हुए यादों को साझा करने में कभी नहीं हिचकती है और वह इन पलों को लेकर खुलकर बात करना पसंद करती है। वहीं, अब वह अपनी एक किताब लांच के मौके पर नजर आई।

बुक लांच के मौके पर नजर आईं शबाना आजमी :

दरअसल, शबाना आजमी अपनी माँ की अच्छाइयों को और माँ के साथ बिताइ हुए यादों को बेहद हसीन मानती हैं। वहीं, अब हाल ही में शबाना आजमी ' द ओल्डेस्ट लव स्टोरी' बुक के लांच के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में साड़ी पहने, बालो में फूल लगाए बेहद खूबसूरत नज़र आई। जब वह आई तो सब बस उन्हें देखते ही रह गए। शबाना आज़मी ने मदरहुड पर बेस्ड 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी ' बुक को लांच किया। इस मौके पर उन्होंने अपनी माँ शौकत आज़मी के बारे में एक जबरदस्त किस्सा बताया।

शबाना आज़मी ने किया मातृत्व का वर्णन :

UNPFA की ब्रांड अम्बेसडर और पद्म भूषण विजेता शबाना आज़मी ने मातृत्व के विषय को दर्शाने वाले असाधारण निबंधों के संग्रहों का शुभारंभ किया। इस किताब में शबाना आज़मी ने अपनी माँ से उनके रिश्तों की नायाब किस्सों के बारे में निबंन्ध साझा किया हैं। अजय मागो, शांतनु राय चौधुरी, मैथिली राव, रिंकी रॉय भट्टाचार्य के साथ मिलकर बांद्रा के टाइटल वेव्स में 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी' बुक का लांच किया। शबाना आज़मी अपनी माँ शौकत आज़मी के बारे में बताते हुए कुछ इस अंदाज में कहना शुरू किया कि,

'वो एक बहुत अच्छी महिला , एक माँ, एक बीवी थी। उनकी सबसे बड़ी खासियत थी कि वो अपने प्रोफेशनल लाइफ के साथ -साथ अपने पर्सनल लाइफ में बराबर तालमेल रखती थी। और ये मैं हमेशा उनसे सीखती आई हूं, वो बॉलीवुड की निरूपा रॉय टाइप की माँ नही थी वो बहुत ही कठोर और बेबाक तरीके से अपनी बात को रखती थी। वो कब आपको जमीन पर उतर देंगी पता भी नही चलेगा। एक बार का किस्सा हैं मेरी पहली फ़िल्म अंकुर रिलीज हुई थी और मेरी माँ मुझसे आगे वाली कतार में बैठी थी। फ़िल्म देखते हुए उन्होंने मुझे कहा कि तुम एक बहुत अच्छी एक्ट्रेस हो, मुझे तुम पर गर्व है। ये फ़िल्म बहुत अच्छी हैं । मेरे अगल बगल के लोग देखकर सोचने लगे होंगे कि ये सब क्या चल रहा हैं। माँ की बात सुन कर मैं बहुत कॉंफिडेंट हो गयी और जब 2 महीने बाद मेरी दूसरी फिल्म ' फासले’ आयी तब वो बोली कि शबाना ये बहुत ही बेहूदा फ़िल्म हैं और तुमने बहुत ही बेहूदा काम किया हैं।अगर ये फ़िल्म तुमने मुझे पहले दिखा दी होती तो मैं तुम्हारी शादी किसी लंगड़े लूले से करा देती लेकिन फ़िल्म इंडस्ट्री में नाजिल नही करती। ".
शबाना आज़मी

शबाना आजमी ने की शिकायत :

इतना ही नही शबाना आज़मी ने इस किताब में आगे बताया हैं कि, 'कैसे 9 साल की उम्र में ये अपनी माँ शौकत आज़मी से बहुत बेरुखा बर्ताव करती थी। वो कहती हैं, "एक वक्त ऐसा था जब मैं अक्सर बहुत बेरुखी से बर्ताव करती थी। तब एक बार मेरी माँ ने मुझे फ़ोन किया और कहा कि तुम ऐसा व्यवहार क्यों कर रही हो। तब मैंने उन्हें कहा कि मुझे लगता हैं कि आप मुझसे ज्यादा बाबा (उनके भाई) से प्यार करती हो। तब वो मुझे बोली कि देखो मैं तुम्हारी माँ होने के साथ -साथ एक इंसान भी हूं। तुम्हारा स्वभाव बहुत ही बेरुखा और अप्रिय हैं और ये सब मुझे पसंद नही हैं। और तुम्हारा भाई, बहुत ही प्यारा,अच्छे स्वभाव का हैं। इसीलिए मैं उससे अच्छा बर्ताव करती हूं। ये सब सुनकर मैंने अपने बुरे बर्ताव को छोड़ दिया, लेकिन अपनी माँ से कहा कि तुम 9 साल की छोटी बच्ची के साथ ऐसे कैसे बात कर सकती हो। तब वो बोली कि मै ये सब न देखती हूं और न ही सोचती हूं।"

शबाना आजमी का पेरेंट्स को सुझाव :

शबाना आजमी आजकल के पेरेंट्स को सुझाव देना चाहती हैं जिनके बच्चे उनसे बहुत रुखा बर्ताव करते हैं उन्हें बस यही कहती हैं कि शौकत आज़मी को फॉलो करे। इसके अलावा बता दें, 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी' यह किताब जीवन के अनुभवो से महिलाओ के मातृत्व का अंतिम गंतव्य संदर्भित संग्रह है। कमला दास , शशि देशपांडे, नाबानीता देव सेन, सी.एस लक्ष्मी, वैदेही जैसे भारत के जाने माने लेखक साहित्य रत्न और दुर्लभ रत्न मन्नू भंडारी अपनी सहरानीह ईमानदारी और आत्मनिरिक्षण से मातृत्व का अनुभव बया करते है।शबाना आज़मी, चित्रा पालेकर और सईद मिर्ज़ा ने भी अपनी माँ से अपने रिश्तो का अन्वेषण किया है।

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