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Selfiee Review : कैसी है अक्षय-इमरान की 'सेल्फी'? लोगों को भा पाई की नहीं सुपरस्टार और सुपरफैन की कहानी

सिनेमाघरों में 'सेल्फी' देखने के लिए दर्शकों की भीड़ भले ही न दिखाई दे रही हो, लेकिन दोनों ही एक्टर्स के फैंस फिल्म को जरूर देखने पहुंच रहे हैं। जानें, कैसी है फिल्म की कहानी राज एक्सप्रेस की जुबानी।

Kavita Singh Rathore

Selfiee Movie Review : बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और सीरियल किसर इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) की फिल्म 'सेल्फी' (Selfiee) अब थियेटर्स में लग चुकी है। दोनों ही एक्टर के फैंस इस फिल्म का काफी समय से इंतजार कर रहे थे। हालांकि, आज जब यह फिल्म रिलीज हो चुकी है, तब सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ भले ही न दिखाई दे रही हो, लेकिन दोनों ही एक्टर्स के फैंस फिल्म को देखने जरूर पहुंच रहे हैं। तो चलिए, जानें, कैसी है फिल्म की कहानी राज एक्सप्रेस की जुबानी।

  • स्टार कास्ट - अक्षय कुमार, इमरान हाशमी, डायना पेंटी, नुसरत भरूचा और मेघना मलिक आपको मुख्य किरदार में नज़र आएँगे।

  • डायरेक्टर - राज मेहता

  • प्रोड्यूसर - करण जौहर

सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म 'सेल्फी' :

अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की फिल्म 'सेल्फी' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। जैसा कि, ट्रेलर को देख कर समझ आ जाता है कि, इस फिल्म में इमरान हाशमी एक फैन का रोल निभा रहे है जो, बॉलीवुड के खिलाड़ी और फिल्म के सुपरस्टार यानी 'विजय कुमार' का सुपर फैन हैं। राज मेहता के निर्देशन में बनी फिल्म सेल्फी की बात करें तो, हमारे हिसाब से इस फिल्म को एक बार तो जरूर देखा जा सकता है। हालांकि, आजकल एक्शन फिल्म और वेब सीरिज के ज़माने में यह फिल्म बहुत कम ही लोगों को पसंद आने वाली है। वैसे तो फिल्म सेल्फी मलयालम मूवी 'ड्राइविंग लाइसेंस' की हिंदी रीमेक है। कुछ लोग तो इस फिल्म को अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की फैन फॉलोइंग के चलते देखने जा रहे हैं।

कैसी है फिल्म की कहानी राज एक्सप्रेस की जुबानी :

यदि हम बात फिल्म 'सेल्फी' के रिव्यू की करें तो, इस फिल्म को हमारे हिसाब से '3 स्टार' से ज्यादा नहीं दिए जा सकते। साथ ही यह फिल्म 'वन टाइम वाच' ही है। क्योंकि, फिल्म में ऐसे एक-दो सीन ही देखने को मिले हैं जो दर्शकों को बांधे रखें या दर्शकों को पलक न झपकाने पर मजबूर कर दें। वहीँ, फिल्म में दोनों अभिनेता की एक्टिंग देंखे तो, अक्षय कुमार ने तो दमदार एक्टिंग की है। जबकि, इमरान हासमी की एक्टिंग ठीकठाक थी, लेकिन वह भोपाली एक्सेंट बोलने की सिर्फ कोशिश ही करते नज़र आए। जबकि, भोपाल की भोपाली तो आज हर कोई बोल लेता है। वहीँ, दोनों अभिनेत्री इस फिल्म में बस कुछ देर के लिए ही दिखाई दी हैं। जिसमें से अक्षय कुमार की पत्नी की भूमिका में नजर आने वाली 'डायना पेंटी' के तो सीन भी कम ही थे।

फिल्म की कहानी :

फिल्म सेल्फी में विजय कुमार के साथ सेल्फी लेने के लिए उनका फैन ओम प्रकाश और उसका बेटा गप्पू किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं। वह सुपरस्टार विजय कुमार को भगवान की तरह से पूजता है और उनकी सारी मूवीज देखता है। फिल्म रिलीज होने के बाद विजय कुमार को मैसेज करके बधाई भी देता है। फिर जब एक दिन विजय कुमार फिल्म की शूटिंग के लिए भोपाल आतें है, तो ओम प्रकाश और उसका बेटा गप्पू सेल्फी लेने के लिए विजय कुमार के पास जाते हैं। वहां भारी भीड़ के चलते उन्हें सेल्फी नहीं मिल पाती है। फिर शूटिंग की लोकेशन के लिए विजय कुमार को लाइसेंस की जरूरत होती है और बस फिर यही मौका होता है जब विजय कुमार की मुलाकात अपने सच्चे फैन ओम प्रकाश से होती है। इस पहली मुलाकात के बाद ही इस फैन का प्यार नफरत में बदल जाता है। हालांकि, ऐसा क्या होता है उसके लिए आपको फिल्म देखना होगा।

कहानी का आधार :

बताते चलें, इस फिल्म में कहानी का आधार 'सेल्फी' और 'ड्राइविंग लाइसेंस' है। इस फिल्म में 'ड्राइविंग लाइसेंस' जैसे बहुत छोटे मुद्दे को उठाया गया है जिसे इस फिल्म की खासियत के तौर पर देखा जा सकता है। क्योंकि, आज देश में बहुत से आम लोग तक ऐसे हैं जो बिना टेस्ट दिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते हैं, जो कि, गलत है। फिर किसी सुपरस्टार को तो टेस्ट देने की जरूरत ही कहां पड़ेगी। जबकि, भारत में हर व्यक्ति के लिए एक जैसा ही नियम है। चाहे वो एक नार्मल व्यक्ति हो या कोई सुपरस्टार। फिल्म में एक सुपरस्टार को सुपरस्टार की ही तरह दिखाया गया है, जिसे हल्के फुल्के स्ट्रगल के बाद ही आसानी से जीत मिल जाती है। जबकि, सिर्फ एक सेल्फी के भूखे फैन को अवसरवादी (Opportunist) तक बता दिया गया है।

जहां, फिल्म की कहानी में एक कॉमन मेन की पॉवर को दिखाने की कोशिश की जा रही थी वहीँ, अचानक एक सुपरस्टार की पॉवर को दिखा दिया जाता है। इस लाइन को और सरल शब्दों में समझे तो, फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि, कोई सुपरस्टार अगर गलत भी है और जनता उसे पसंद करती है तो उसे पूरा सपोर्ट मिलेगा। फिल्म में आजकल ट्वीटर पर ट्रेंड करने वाले # का भी जिक्र हुआ है। इस प्रकार यह बताने की कोशिश की गई है कि, किस तरह जरा जरा सी बात पर बॉलीवुड को बॉयकॉट करने की मांग उठने लगती हैं। फिल्म में कॉमेडी सीन जोड़ने की कुछ हद्द तक कोशिश की गई है। जो जनता को कुछ खास गुदगुदा नहीं पाए हैं।इसके अलावा फिल्म के सोंग्स लोगों को कुछ खास नहीं भाए। हालांकि, 'मैं खिलाडी तू अनाड़ी' सोंग दर्शकों को पसंद आया है।

फिल्म का खूबसूरत पहलू :

इस फिल्म का सबसे खूबसूरत पहलू यह था कि, यह फिल्म बताती है कि, एक पिता अपने बच्चे के लिए किसी से भी भिड़ सकता है, चाहे फिर सामने कितना ही ताकतवर व्यक्ति क्यों न हो, उसकी जीत हो न हो, लेकिन वह अपने बच्चे के लिए किसी भी टक्कर ले सकता है। वहीँ, वो भी एक पिता ही होता है जो, अपने बच्चे के लिए सबकुछ छोड़ने को तैयार हो सकता है। चाहे वो उसके शौक या उसका प्रोफेशन ही क्यों न हो। इसके अलावा इस फिल्म से हमें यह सीखना चाहिए कि, समय रहते गलतफहमियों (Misunderstandings) को दूर कर लेना चाहिए। नहीं तो, मुश्किलें बढ़ती ही जाती हैं। हालांकि, यह तो मात्र एक फिल्म थी, लेकिन रियल लाइफ में लोग बात क्लियर ही नहीं करते हैं और बिना बात के दुश्मनी मान लेते हैं।

भोपाल की खूबसूरती :

अगर आप मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रहने वाले हैं तो, हां आपको यह फिल्म देखकर काफी अच्छा लगेगा। वैसे तो भोपाल सुन्दर है ही, लेकिन इस फिल्म में भोपाल के दिखाए गए सीन भोपाल की खूबसूरती को बयान करते हैं। फिल्म में भोपाल के ओरिंटल कॉलेज, मिंटों हॉल, VIP रोड, लिंक रोड और यहां का प्रसिद्ध राजा भोज सेतु की सुंदरता देखने को मिली है। इस फिल्म की ज्यादातर शूटिंग भोपाल में हुई है।

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