स्टार कास्ट : अन्नू कपूर, राजपाल यादव, मनोज जोशी
डायरेक्टर : इरशाद खान
प्रोड्यूसर : सुरेश गोंडालिया
फिल्म की कहानी डायरेक्टर सतिंदर (अन्नू कपूर) और उसके राइटर दोस्त अमर (मनोज जोशी) की है। यह दोनों कई सालों से एक कहानी लेकर निर्माताओं के ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं ताकि वो दोनों मिलकर फिल्म बना सकें। सतिंदर और अमर जस्सू भाई (असरानी) से मिलते हैं जो कि इन दोनों की मुलाकात खत्री भाई (प्रियांशु चटर्जी) से करवाता है और खत्री भाई सतिंदर और अमर की फिल्म को प्रोड्यूस करने के लिए तैयार हो जाता है लेकिन वो सतिंदर और अमर के सामने यह शर्त रखता है कि उसे वो दोनों एक ऐसे बी नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले इंसान से मिलवा दें जो कि अपनी बॉडी के सारे ऑर्गन डोनेट कर दे ताकि वो उस ऑर्गन को अपनी मां की बॉडी में इस्तेमाल कर सके। सतिंदर और अमर को काफी ढूंढने के बाद बी ब्लड ग्रुप वाला राजू भांगारवाला (राजपाल यादव) मिलता है जो कि हीरो बनना चाहता है। सतिंदर और अमर राजू की मुलाकात खत्री भाई से करवाकर पूरे दस करोड़ रुपए खत्री भाई से ले लेते हैं और राजू को हीरो बनाकर अपनी फिल्म की शूटिंग शुरू कर देते हैं। अब क्या सतिंदर और अमर राजू को लेकर अपनी फिल्म पूरी कर पाएंगे और जब राजू को पता चलेगा कि सतिंदर और अमर ने उसकी बॉडी ऑर्गन के बदले खत्री भाई से दस करोड़ लिए हैं तो वो क्या करेगा। इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्म को डायरेक्ट इरशाद खान ने किया है और उनका डायरेक्शन ठीक है। फिल्म का स्क्रीनप्ले और सिनेमेटोग्राफी दोनों ही लाजवाब है। फिल्म की सबसे खास बात यह है कि फिल्म हर जगह हंसाती है और कहीं पर भी बोर नहीं करती। इसके अलावा फिल्म की लंबाई लगभग 100 मिनट की है जो कि फिल्म का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट है। फिल्म का क्लाइमेक्स और भी बेहतर किया जा सकता था। फिल्म का म्यूजिक ठीक है और जॉर्जिया एंड्रियानी पर फिल्माया गया हुआ सॉन्ग सुनने के अलावा देखने में भी अच्छा लगता है।
परफॉर्मेंस की बात करें तो अन्नू कपूर ने बढ़िया काम किया है। राजपाल यादव फिल्म की जान हैं और इस फिल्म के माध्यम से फिर एक बार राजपाल यादव ने साबित कर दिया कि वो अभी भी लोगों को पहले की तरह हंसा सकते हैं। मनोज जोशी ने ठीक-ठाक काम किया है। प्रियांशु चैटर्जी और असरानी ने भी ठीक काम किया है। हेमंत पांडेय और पायल मुखर्जी ने भी ठीक काम किया है। फिल्म के बाकी कलाकारों के काम भी सराहनीय है।
नॉन स्टॉप धमाल एक नॉन स्टॉप कॉमेडी से भरी हुई एक ठीक-ठाक फिल्म है। फिल्म बस क्लाइमेक्स में मार खाती है बाकी फिल्म में ऐसे कई सीन्स हैं, जहां पर आपको हंसी आएगी। इसके अलावा फिल्म के क्लाइमेक्स में फिल्म के दूसरे पार्ट की भी घोषणा कर दी गई है। अगर आप एक ठीक-ठाक हल्की-फुल्की कॉमेडी फिल्में देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म देखने जरूर जाएं।
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