फिल्म - मुंबई सागा
स्टारकास्ट - जॉन अब्राहम, इमरान हाशमी, काजल अग्रवाल, प्रतीक बब्बर
डायरेक्टर - संजय गुप्ता
प्रोड्यूसर भूषण कुमार, अनुराधा गुप्ता, संगीता अहीर
रेटिंग - 3 स्टार
स्टोरी :
यह फिल्म कहानी है अमर्त्य राव ( जॉन अब्राहम) की जो कि रेलवे स्टेशन के ब्रिज पर सब्जी बेचता है। एक दिन गायतोंडे (अमोल गुप्ते) के आदमी हफ्ता मांगने आते हैं और अमर्त्य के भाई अर्जुन (प्रतीक बब्बर) को मारते हैं। जब इस बारे में अमर्त्य को पता चलता है तो वो गायतोंडे के आदमियों को पीटता है। इस बारे में जब भाऊ ( महेश मांजरेकर) को पता चलता है तो वो अमर्त्य को अपने साथ काम करने को कहता है और यही से शुरू होती है अमर्त्य राव की कहानी। भाऊ का सपोर्ट पाकर अमर्त्य पूरे बॉम्बे पर राज करने लगता है। इसी बीच अमर्त्य बॉम्बे के बिजनेस मैन सुनील खेतान ( समीर सोनी) का मर्डर कर देता है। सुनील खेतान का मर्डर होने के बाद सुनील खेतान की पत्नी पुलिस डिपार्टमेंट को बोलती है कि जो भी अमर्त्य राव को गोली मारेगा वो उसे दस करोड़ रुपए देगी। दस करोड़ रुपए की बात सुनने के बाद एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सावरकर ( इमरान हाशमी) अमर्त्य राव को मारने का फैसला करता है। अब क्या अमर्त्य राव विजय सावरकर को मार पाएगा। इस सवाल का जवाब आपको फिल्म देखने के बाद पता चलेगा।
डायरेक्शन :
फिल्म को डायरेक्ट संजय गुप्ता ने किया है जो कि गैंगस्टर फिल्में बनाने मास्टर हैं। उनकी यह फिल्म भी उनकी पिछली फिल्मों की याद दिलाती है लेकिन फिल्म की कहानी में कुछ भी नयापन नहीं है जो कि फिल्म का बहुत बड़ा माइनस प्वाइंट है। फिल्म का स्क्रीनप्ले कुछ खास नहीं लेकिन सिनेमेटोग्राफी ठीक है। फिल्म की एडिटिंग भी ठीक है और डायलॉग जबरदस्त है। फिल्म में सिर्फ एक गाना है जो कि हिट हो चुका है।
परफॉर्मेंस :
परफॉर्मेंस की बात करें तो फिल्म के हीरो जॉन अब्राहम ने बढ़िया काम किया है। फिल्म में उनका एक्शन कमाल का है। काजल अग्रवाल का काम भी ठीक है। इमरान हाशमी की फिल्म में स्क्रीन स्पेस काफी कम है जो कि उनके किरदार को कमजोर बनाती है। फिल्म में उनका अभिनय औसत दर्जे का है। महेश मांजरेकर और अमोल गुप्ते ने ठीक-ठाक काम किया है। प्रतीक बब्बर और रोहित रॉय ने भी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है। गुलशन ग्रोवर, अंजना सुखानी और सुनील शेट्टी ने भी अपने छोटे से रोल को ठीक तरह से प्ले किया है।
क्यों देखें :
मुंबई सागा एक गैंगस्टर ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म में आपको अस्सी के दशक का बॉम्बे शहर और मार-धाड़ और भाईगिरी देखने को मिलेगी। अगर आपको गैंगस्टर टाइप और एक्शन से भरी हुई फिल्में अच्छी लगती हैं तो आप यह फिल्म देखने जा सकते हैं।
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