स्टार कास्ट - गुलशन देवैया, सैयामी खेर
डायरेक्टर - राज राजकोंडा
प्रोड्यूसर - राज आर, किशोर गंजी
स्टोरी :
फिल्म की कहानी इरावती (सैयामी खेर) की है जो कि अपने दो बच्चों और पति के साथ महाराष्ट्र के नांदेड़ में रहती है। इसी बीच इरावती को हैदराबाद में रहने वाली अपनी प्रेग्नेंट बहन रिया का फोन आता है और वो इरावती को उसकी देखभाल करने के लिए हैदराबाद बुलाती है। अब इरावती की समस्या यह है कि वो अकेले ट्रेन में ट्रैवल करके हैदराबाद नहीं जा सकती क्योंकि उसे ट्रेन में पैनिक अटैक आते हैं लेकिन फिर भी किसी तरह हिम्मत करके इरावती ट्रेन पकड़कर हैदराबाद आ जाती है। हैदराबाद आने के बाद इरावती की बहन रिया उसे सलाह देती है कि वो रोजाना मेट्रो पकड़कर हॉस्पिटल आया करे। यह करने से समय के साथ-साथ पैसों की भी बचत होगी। अब इरावती की समस्या यह है कि वो मेट्रो में भी ट्रैवलिंग नहीं कर सकती लेकिन फिर भी वो हिम्मत जुटाकर मेट्रो स्टेशन जाती है लेकिन जैसे ही वो मेट्रो में घुसने की कोशिश करती है उसे पैनिक अटैक आ जाता है। स्टेशन पर ही मौजूद प्रीतम (गुलशन देवैया) इरावती की मदद करता है और उसे मेट्रो में अपने साथ ले जाता है। दूसरे दिन भी प्रीतम सुबह आठ बजे की मेट्रो ट्रेन में इरावती की मदद करता है। रोजाना मेट्रो में ट्रेवलिंग करते-करते इरावती और प्रीतम अच्छे दोस्त बन जाते हैं। अब क्या यह दोस्ती प्यार में बदल जाएगी और अगर प्यार में बदल जाएगी तो इरावती के पति और बच्चों का क्या होगा। यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
डायरेक्शन :
फिल्म को डायरेक्ट अवार्ड विनिंग डायरेक्टर राज आर ने किया है और उनका डायरेक्शन ठीक है। फिल्म का स्क्रीनप्ले ठीक है लेकिन फिल्म के कुछ सीन्स में बोरियत महसूस होती है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी बढ़िया है। फिल्म का म्यूजिक ठीक है और बैकग्राउंड में चल रही कविताएं सुनने में अच्छी लगती हैं। फिल्म की एडिटिंग और भी अच्छी की जा सकती थी। इसके अलावा फिल्म का क्लाइमेक्स भी और बढ़िया किया जा सकता था। फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू काफी अच्छी है।
परफॉर्मेंस :
परफॉर्मेंस की बात की जाए तो गुलशन देवैया ने बेहतरीन काम किया है। एक बैंकर के किरदार में गुलशन देवैया ने काफी अच्छी परफॉर्मेंस दी है। सैयामी खेर ने भी काफी अच्छा काम किया है। एक हाउसवाइफ के किरदार में वो फिट बैठ रही हैं। उमेश कामत ने भी बढ़िया परफॉर्मेंस दी है और फिल्म के बाकी कलाकारों का काम भी ठीक है।
क्यों देखें :
फिल्म 8 एएम मेट्रो दो अजनबियों की कहानी है जो कि एक मेट्रो में मिलते हैं और फिर उनके बीच एक खूबसूरत रिश्ता स्थापित हो जाता है। फिल्म यह बताने की कोशिश करती है कि कभी-कभी जीवन में आपको कोई मिलता है जिससे आपका रिश्ता काफी मजबूत हो जाता है लेकिन वो इंसान ज्यादा समय तक आपकी लाइफ में नहीं रहता है और उस इंसान से आपको न चाहते हुए भी दूर रहना पड़ता है। अगर आपको दो अजनबियों के बीच पनपे इस खूबसूरत रिश्ते को बड़े पर्दे पर देखना है तो आप यह फिल्म देखने जा सकते हैं।
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