स्टार कास्ट - अविनाश गुप्ता, तृषाना गोस्वामी, हिमांशु शेखर
डायरेक्टर - सरीष सुधाकरन
प्रोड्यूसर - सरीष सुधाकरन
फिल्म की कहानी नाइंटीज के दौर की है, जब मोबाइल और इंटरनेट नहीं हुआ करते थे। फिल्म की कहानी तीन दोस्तों की है, जो कि अपनी दोस्त की बहन की शादी को बचाने एक फॉर्महाउस पर आए हैं लेकिन उन्हें वहां पर कोई नहीं मिलता है। वहीं दूसरी तरफ कोई फॉर्महाउस पर है जो कि लोगों को मार रहा है और यह कौन है, जो लोगों को मार रहा है और क्यों मार रहा है। यह सब कुछ जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्म को डायरेक्ट सरीष सुधाकरन ने किया है और उनका डायरेक्शन ठीक है। फिल्म की स्टोरी और स्क्रीनप्ले ठीक है लेकिन सिनेमेटोग्राफी और भी बढ़िया हो सकती थी। इसके अलावा फिल्म काफी डार्क है और फिल्म में कुछ ऐसे सीन्स हैं, जिन्हें देखकर शायद आप अनकंफर्ट हो सकते हैं। फिल्म का प्रेजेंटेशन काफी डिफरेंट है जो कि फिल्म को दूसरी फिल्मों से अलग बनाता है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक लाजवाब है।
फिल्म में सभी नए चेहरे हैं और लगभग सभी का काम संतोषजनक है। अविनाश गुप्ता, तृषाना गोस्वामी और हिमांशु शेखर का काम ठीक है। संजना देशमुख, अनिका आर्य, जाहिद अहमद खान ने भी सराहनीय काम किया है। अक्षय रवि, अनिकेत जाधव, कैलाश पाल और मुस्कान खुराना ने औसत दर्जे का काम किया है।
थ्रिल और सस्पेंस से भरी फिल्म गिन के दस एक अच्छी साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है। फिल्म सस्पेंस बरकरार रखने में काफी हद तक सफल दिखती है। अगर आप भी सस्पेंस से भरी और कुछ अलग फिल्म देखना चाहते हैं तो यह फिल्म एक बार तो देख ही सकते हैं।
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