स्टार कास्ट : रणवीर सिंह, वरुण शर्मा, पूजा हेगड़े, जैकलीन फर्नांडिस
डायरेक्टर : रोहित शेट्टी
प्रोड्यूसर : भूषण कुमार, रोहित शेट्टी
स्टोरी :
फिल्म कहानी है, दो अनाथ जोड़े जुड़वां भाइयों रॉय (रणवीर सिंह) और जॉय (वरुण शर्मा) की, जिन्हें डॉक्टर अलग कर देता है। एक जुड़वा बच्चे को बैंगलोर के मां बाप एडॉप्ट करते हैं तो दूसरे जुड़वा बच्चे को ऊटी के एक माता-पिता एडॉप्ट करते हैं, जिनका खुद का ऊटी में सर्कस है। ऊटी में रहने वाले रॉय और जॉय के पैरेंट्स का देहांत हो चुका है इसलिए अब रॉय और जॉय मिलकर अपने पैरेंट्स के सर्कस का बिजनेस संभालते हैं। रॉय की शादी माला (पूजा हेगड़े) से हुई है, लेकिन दोनों का कोई बच्चा नहीं है। दूसरी तरफ बैंगलोर में रहने वाले रॉय और जॉय एक रिच फैमिली में रहते हैं और रॉय अपनी गर्लफ्रेंड बिंदु (जैकलीन फर्नांडिस) से शादी करना चाहता है लेकिन उसके पिता इस रिश्ते से खुश नहीं हैं। कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब किसी काम के सिलसिले में बैंगलोर में रहने वाले रॉय और जॉय ऊटी आ जाते हैं। फिर कैसे एक ही शहर ऊटी में दो-दो रॉय और जॉय को लेकर काफी कन्फ्यूजन क्रिएट होता है, यही सब कुछ फिल्म में दिखाया गया है।
डायरेक्शन :
फिल्म को डायरेक्ट रोहित शेट्टी ने किया है और उनका डायरेक्शन काफी औसत दर्जे का है। अब तक रोहित शेट्टी ने जितनी भी फिल्में बनाई हैं, उन सभी में से सर्कस उनकी सबसे कमजोर फिल्म है। फिल्म का स्क्रीनप्ले काफी बोरिंग और आउटडेटेड है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी ठीक है। फिल्म लेट सिक्सटीज में बेस्ड है और लेट सिक्सटीज को दिखाने वाले फिल्म के सेट्स पूरी तरह नकली नजर आते हैं। फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी वीक है, लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म थोड़ी रफ्तार पकड़ती है। फिल्म का म्यूजिक भी फिल्म की तरह औसत दर्जे का है। फिल्म के कुछ ही डायलॉग्स फनी हैं।
परफॉर्मेंस :
परफॉर्मेंस की बात की जाए तो रणवीर सिंह ने औसत दर्जे का काम किया है। फिल्म में अपने दोनों ही किरदारों में रणवीर सिंह काफी कमजोर नजर आते हैं। वरुण शर्मा का भी रणवीर जैसा ही कुछ हाल था। पूजा हेगड़े और जैकलीन फर्नांडिस के पास करने को कुछ था ही नहीं इसलिए उनकी भी परफॉर्मेस ठीक ही थी। फिल्म के बाकी सपोर्टिंग कास्ट का भी काम ठीक ही है। सिर्फ संजय मिश्रा और जॉनी लीवर ने फिल्म में काफी हंसाया है, खासतौर पर संजय मिश्रा ही हैं जिन्होंने फिल्म में बेहतरीन काम किया है। दीपिका पादुकोण और उनका सॉन्ग फिल्म में क्यों था इसका जवाब फिल्म के मेकर्स ही दे सकते हैं।
क्यों देखें :
रोहित शेट्टी के बारे में कहा जाता है कि वो ऑडियंस की नब्ज जानते हैं, लेकिन सर्कस देखने के बाद इतना कह सकते हैं कि रोहित शेट्टी इस बार फेल हो गए हैं। फिल्म में रोहित शेट्टी ने खून और परवरिश के बीच के अंतर को दिखाते हुए एक मैसेज भी दिया है। इसलिए अगर आप एक कॉमेडी बेस्ड औसत फिल्म देखना चाहते हैं और फिल्म के माध्यम से मिल रहे मैसेज को जानना चाहते हैं तो यह फिल्म देखने जा सकते हैं।
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