स्टार कास्ट : रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, मौनी रॉय
डायरेक्टर : अयान मुखर्जी
प्रोड्यूसर : स्टार स्टूडियोज, धर्मा प्रोडक्शंस
स्टोरी :
फिल्म की कहानी शिवा (रणबीर कपूर) की है जो कि पेशे से डीजे है और दुर्गा पंडालों में नाच कर अपना जीवन जी रहा है। एक दिन पंडाल में नाचने के दौरान उसकी नजर ईशा (आलिया भट्ट) पर पड़ती है और ईशा की नजर भी शिवा पर पड़ती है। दोनों को एक ही नजर में एक-दूसरे से प्यार हो जाता है। दोनों की मुलाकातें आगे बढ़ती हैं और ईशा को शिवा के साथ समय बिताने के बाद पता चलता है कि शिवा आग से नहीं जलता। अब ईशा शिवा के बारे में काफी कुछ और जानना चाहती है। इसी बीच साइंटिस्ट मोहन भार्गव (शाहरुख खान) के सुसाइड करने की खबर आती है। शिवा ईशा को बताता है कि मोहन भार्गव ने सुसाइड नहीं किया है, बल्कि उनका मर्डर हुआ है और उसने यह सब कुछ अपनी आंखों से देखा है, लेकिन उसे ही यह सब कुछ क्यों दिखाई देता है, इस बारे में उसे पता नहीं है। शिवा को यह भी पता चल जाता है कि आने वाले कुछ दिनों में आर्किटेक्ट अनीस शेट्टी (नागार्जुन) का भी मर्डर होने वाला है जो कि वाराणसी में रहते हैं। शिवा और ईशा फैसला करते हैं कि वो जुनून (मौनी रॉय) को अनीस का मर्डर करके उनके पास से नंदी अस्त्र नहीं लेने देंगे। अब आगे क्या होगा, क्या शिवा और ईशा अनीस की जान बचा पाएंगे और क्या कभी शिवा को अपनी लाइफ के राज के बारे में पता चल पाएगा। इन सभी सवालों के जवाब आपको फिल्म देखने के बाद पता चलेंगे।
डायरेक्शन :
फिल्म को डायरेक्ट अयान मुखर्जी ने किया है और उनका डायरेक्शन ठीक है। फिल्म का स्क्रीनप्ले काफी वीक है लेकिन सिनेमेटोग्राफी लाजवाब है। फिल्म के विजुअल इफेक्ट्स, ग्राफिक्स और बैकग्राउंड म्यूजिक शानदार हैं। फिल्म का म्यूजिक बढ़िया है लेकिन डायलॉग काफी चीप बन पड़े हैं। इसके अलावा फिल्म की लंबाई भी थोड़ी ज्यादा हो गई है जो कि थोड़ी कम होनी चाहिए थी।
परफॉर्मेंस :
परफॉर्मेंस की बात करें तो रणबीर कपूर ने औसत दर्जे का काम किया है। उनकी पिछली फिल्म शमशेरा से उनके अभिनय की तुलना की जाए तो इस फिल्म में उनका अभिनय कमजोर है। यही बात आलिया भट्ट पर भी लागू होती है। उनकी भी पिछली फिल्मों की तुलना में आलिया ने इस फिल्म में काफी कमजोर अभिनय किया है। अमिताभ बच्चन और डिंपल कपाड़िया ने ठीक काम किया है। शाहरुख खान और नागार्जुन का कैमियो फिल्म को सपोर्ट करता है। नेगेटिव रोल में मौनी रॉय काफी प्रभावित करती हैं।
क्यों देखें :
अगर हम स्टोरी और अभिनय की बात करें तो ब्रह्मास्त्र एक औसत दर्जे की फिल्म है लेकिन हम विजुअल इफेक्ट्स, ग्राफिक्स और सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो ब्रह्मास्त्र एक लाजवाब फिल्म है। अगर आप रणबीर-आलिया के फैन हैं, स्टोरी से ज्यादा विजुअल इफेक्ट्स, ग्राफिक्स को तवज्जो देते हैं और ब्रह्मास्त्र पार्ट वन शिवा के सेकंड पार्ट देव के बारे में जानना चाहते है तो यह फिल्म देखने जा सकते हैं।
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