स्टार कास्ट : वरुण धवन, कृति सेनन
डायरेक्टर : अमर कौशिक
प्रोड्यूसर : दिनेश विजन
स्टोरी :
फिल्म की कहानी भास्कर शर्मा (वरुण धवन) की है जो कि अपने चचेरे भाई जनार्दन (अभिषेक बनर्जी) के साथ अरुणाचल प्रदेश आया हुआ है। भास्कर अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों में रोड बनाना चाहता है, लेकिन स्थानीय लोग भास्कर को रोड बनाने नहीं देना चाहते। इसी बीच एक दिन भास्कर अपने चचेरे भाई जनार्दन और दोस्त जॉमिन (पालिन कबाब) के साथ जंगलों के बीच जा रहा होता है और उनकी गाड़ी खराब हो जाती है। गाड़ी ठीक करने के दौरान भास्कर को जंगल में भेड़िया काट लेता है। जिसके बाद जनार्दन और जॉमिन भास्कर को जानवरों की डॉक्टर अनिका (कृति सेनन) के पास ले जाते हैं। डॉक्टर अनिका भास्कर को दवाइयां देती है और एक इंजेक्शन भी लगा देती है। दूसरे दिन सुबह से ही भास्कर अजीबो गरीब हरकतें करने लगता है, जिसकी वजह से अब जनार्दन और जॉमिन उससे डरने लगते हैं। कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब भास्कर को पता चलता है कि अब वो एक इच्छाधारी भेड़िया बन गया है जो कि हर चांदनी रात को भेड़िया का रूप लेकर किसी को भी अपना शिकार बना लेता है। अब भास्कर कैसे इच्छाधारी भेड़िया से इंसान बनेगा या फिर अब वो हमेशा के लिए ही इच्छाधारी भेड़िया बन गया है। इन सवालों के जवाब आपको फिल्म देखने के बाद पता चलेंगे।
डायरेक्शन :
फिल्म को डायरेक्ट अमर कौशिक ने किया है। इससे पहले अमर स्त्री और बाला जैसी बेहतरीन फिल्में बना चुके हैं, इसलिए उनकी इस फिल्म से भी लोगों को काफी उम्मीदें थी लेकिन अफसोस अमर कौशिक इस बार अपना जादू दोहरा नहीं पाए। फिल्म में ऐसी कई कमियां हैं, जिन्हें देखकर आपको अमर कौशिक का कमजोर डायरेक्शन नजर आएगा। फिल्म का स्क्रीनप्ले भी काफी बोरिंग है लेकिन सिनेमेटोग्राफी लाजवाब है। खासतौर पर फिल्म का वीएफएक्स काफी अच्छा है। फिल्म के डायलॉग काफी चीप हैं जो कि फिल्म का स्तर गिराते हैं। फिल्म की लंबाई भी थोड़ी ज्यादा हो गई है। फिल्म का म्यूजिक भी औसत दर्जे का है लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक ठीक है।
परफॉर्मेंस :
परफॉर्मेंस की बात की जाए तो वरुण धवन ने ठीक-ठाक काम किया है। जब वो भेड़िया का रूप लेते हैं, उस वक्त उनके एक्सप्रेशन ठीक हैं। कृति सेनन ने भी ठीक ही काम किया है लेकिन उनकी स्क्रीन टाइम काफी कम है। अभिषेक बनर्जी ने भी लाजवाब अभिनय किया है। उनके फिल्म में कई सारे वन लाइनर्स हैं, जिन्हें सुनकर आपको हंसी आ सकती है। पालिन कबाब ने भी बढ़िया काम किया है। दीपक डोबरियाल ने अपने पांडा के किरदार को अच्छे से निभाया है। सौरभ शुक्ला का फिल्म में स्क्रीन टाइम काफी कम है। भेड़िया यूनिवर्स से स्त्री यूनिवर्स को जोड़ने आए एक्टर राजकुमार राव और अपारशक्ति खुराना का कैमियो फिल्म को सपोर्ट करता है।
क्यों देखें :
भेड़िया एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है जो कि सिर्फ और सिर्फ कुछ हल्के फुल्के कॉमेडी सीन्स से भरी हुई है। फिल्म में हॉरर कहीं पर भी नहीं है। फिल्म पर्यावरण को लेकर भी एक बढ़िया संदेश देती है। फिल्म कहती है कि इंसान और जंगल के बीच एक बैलेंस होना चाहिए और जब यह बैलेंस बिगड़ता है तो फिर एक भेड़िया आता है जो कि सब कुछ तहस नहस कर देता है। इसलिए अगर आप हॉरर कॉमेडी फिल्में देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म एक बार तो देख ही सकते हैं।
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