स्टार कास्ट : सौमित्र चट्टोपाध्याय, नसीरुद्दीन शाह
डायरेक्टर : सैबल मित्रा
प्रोड्यूसर : जयदीप रॉय चौधरी और सुव्रा सारथी चक्रवर्ती
स्टोरी :
फिल्म की कहानी बंगाल बेस्ड है, जिसमें दिखाया गया है कि हिलोलगंज क्रिश्चियन स्कूल के विज्ञान टीचर कुणाल जोसेफ बस्के (श्रमण चटर्जी) ने बाइबिल को पढ़ाने से इंकार कर दिया। अब टीचर को स्कूल से सस्पेंड कर दिया जाता है और वो दो महीनों से जेल में बंद है। स्कूल प्रशासन की तरफ से वकील बसंता कुमार चटर्जी (लेट सौमित्र चट्टोपाध्याय) हैं और टीचर के वकील एंटोन डिसूजा (नसीरुद्दीन शाह) हैं। दोनों वकीलों के बीच काफी तीखी बहस होती है और इस बहस में किसकी जीत होती है। यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
डायरेक्शन :
फिल्म को डायरेक्ट सैबल मित्रा ने किया है और उनका डायरेक्शन काफी सटीक है। फिल्म का स्क्रीनप्ले काफी इंगेजिंग है और सिनेमेटोग्राफी भी ठीक है। फिल्म के डायलॉग भी काफी इफेक्टिव हैं, जो कि फिल्म को सपोर्ट करते हैं। फिल्म में कुछ ऐसे भी सीन्स थे जिनकी जरूरत नहीं थी फिर भी वो सीन्स फिल्म को कमजोर नहीं बनाते हैं।
परफॉर्मेंस :
परफॉर्मेंस के तौर पर नसीर साहब ने जबरदस्त अभिनय किया है। फिल्म में उनकी डायलॉग डिलीवरी देखकर आपको जरूर मजा आएगा। लेट एक्टर सौमित्र चट्टोपाध्याय ने भी नसीर साहब का बखूबी साथ दिया है। पार्थ प्रतिम मजूमदार और कौशिक सेन ने भी सराहनीय काम किया है। श्रवण चटर्जी ने भी बढ़िया काम किया है।
क्यों देखें :
अ होली कांस्पीरेसी एक बेहतरीन कोर्ट ड्रामा फिल्म है जो कि विश्वास और विज्ञान के बीच की एक बहस को दर्शाती है। अब अगर आप विज्ञान और विश्वास के बीच इस तीखी बहस को देखना चाहते हैं तो आप यह फिल्म देखने जा सकते हैं।
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