बॉलीवुड के जाने-माने कोरियोग्राफर और डायरेक्टर रेमो डिसूजा अक्सर चर्चा में रहते हैं। बीते साल उनकी तबियत खराब के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि रेमो अब ठीक हैं। रेमो डिसूजा ने हाल ही में अपने करियर से जुड़ी एक बड़ी बात शेयर की है। हाल ही में उन्होंने खुलासा किया है कि, उन्हें काफी छोटी उम्र में रेसिज्म का शिकार होना पड़ा था। लोग उनके डार्क कलर को लेकर उन पर गलत कमेंट करते थे। पहले तो वह इसे इग्नॉर करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपने लिए स्टैंड लेने की ठानी।
रेसिज्म का शिकार हो चुके हैं रेमो डिसूजा:
हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में रेमो डिसूजा ने कहा, “बचपन से ही मेरे स्किन के कलर की वजह से मुझे पूर्वाग्रहों और रेसिज्म का शिकार होना पड़ा। यह एक ऐसा सच है जिसे मैंने डील किया और विदेश यात्रा के दौरान भी इसका अनुभव किया। जब मैं बड़ा हो रहा था, तो लोग मुझे अलग-अलग नामों से बुलाते थे। मैं ऐसी बातों को इग्नोर कर देता था, क्योंकि मुझे लगता था कि वे ऐसा कह रहे हैं क्योंकि मैं शायद ऐसा ही दिखता हूं।''
इंटरव्यू के दौरान रेमो डिसूजा ने आगे बताया कि, "जब मैं बड़ा हुआ तो मैं समझ गया कि, यह गलत था और मैं उन्हें इन नामों से बुलाने दे रहा था जो और भी बुरा था। अब मैं इसके लिए स्टैंड लेता हूं। मुझे यह भी लगता है कि, मेरे रंग पर उन टिप्पणियों ने मुझे आगे बढ़ने में मदद की और मुझे वो बनाया जो आज मैं हूं। एक बात कहना चाहता हूं रेसिज्म आज भी है। अगर आप गांव और छोटे कस्बों मे जाएंगे, तो आपको यह चीज जरूर देखने को मिलेगी।''
वहीं अगर रेमो डिसूजा के वर्क फ्रंट की बात करें, तो रेमो ने फिल्म डायरेक्शन के साथ-साथ कई बड़ी फिल्मों में कोरियोग्राफी कर चुके हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1995 में की थी। साल 2000 में 'दिल पे मत ले यार' फिल्म में उन्होंने कोरियोग्राफी की। रेमो डिसूजा ने 'फ्लाइंग जट', 'रेस 3', 'फालतू', 'एबीसीडी', 'एबीसीडी 2' और 'स्ट्रीट डांसर' जैसी फिल्मों को डायरेक्ट किया है।
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