राज एक्सप्रेस। संगीतकार और सितारवादक अनुष्का शंकर 5 फरवरी को लॉस एंजिल्स में माइक्रोसॉफ्ट थिएटर में 65वें वार्षिक ग्रैमी पुरस्कार समारोह में प्रस्तुति देने वाली हैं।अनुष्का अपने नए एल्बम 'वल्चर प्रिंस' के गायक आरोज आफताब के साथ 'उधेरो ना' गीत पर प्रस्तुति देंगे। इस ट्रैक को इस साल के ग्रैमी में सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन श्रेणी में नामांकित किया गया है। अनुष्का शंकर की एक एल्बम 'बिटवीन अस' को भी सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम के लिए नामांकित किया गया है, जिससे वह पहली भारतीय महिला संगीतकार बन गई हैं जिन्हे एक वर्ष में दो बार ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।
अनुष्का शंकर ने कहा:
"मैं तीसरी बार ग्रैमी अवार्ड्स प्रीमियर समारोह में प्रदर्शन करने के लिए वास्तव में बहुत ज्यादा खुश हूं। इस बार मैं दिग्गज आरूज आफताब के साथ मंच साझा करने के लिए उत्साहित हूं, जो उनके खूबसूरत गीत 'उधेरो ना' को बजा रहे हैं।
ग्रैमी पुरस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर खुशी जाहिर करते हुआ कहा-
उन्होंने ग्रैमी पुरस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर खुशी जाहिर करते हुआ कहा कि "मैं आभारी हूं कि इस गीत और मेरे एल्बम 'बिटवीन अस' पर मेरे संगीत को फिर से नामांकन मिला है और इस विश्व मंच पर भारत और मेरे वाद्य यंत्र, सितार का प्रतिनिधित्व करने पर मुझे गर्व है।"
2002 में पहली बार हुई थी नामांकित
ग्रैमी में अनुष्का शंकर साल 2002 में अपने एल्बम 'लाइव एट कार्नेगी हॉल' के लिए विश्व संगीत श्रेणी में नामांकित और सबसे कम उम्र की नामांकित पहली भारतीय महिला बनीं थी और फिर साल 2005 में समारोह में प्रदर्शन करने वाली पहली भारतीय संगीतकार बनीं, जिसमें प्रस्तुतकर्ता के रूप में काम किया। 2016 और 2021 में दूसरी बार प्रदर्शन।अपने नए आठवें और नौवें नामांकन के अलावा, अनुष्का के पिछले काम लाइव एट कार्नेगी हॉल, राइज, ट्रैवलर, ट्रेसेस ऑफ यू, होम, लैंड ऑफ गोल्ड और लव लेटर्स सभी को ग्रैमी नामांकित किया गया है।
पंडित रवि शंकर–पहले भारतीय है जिन्होंने जीता ग्रैमी पुरस्कार
ग्रैमी में जीतने वाले भारतीयों का उल्लेख करते समय सबसे प्रमुख नामों में से एक पंडित रविशंकर हैं। पंडित रविशंकर भारत के सितार वादक और संगीतकार थे। उन्होंने भारत और दुनिया भर के कई संगीतकारों को एक सितार गुणी के रूप में प्रभावित किया, जो बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत के विश्व के सबसे प्रसिद्ध प्रतिपादक बन गए। 1999 में शंकर को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न मिला। दिवंगत भारतीय शास्त्रीय संगीतकार पंडित रविशंकर ने कुल पांच ग्रैमी पुरस्कार जीते (1968, 1973, 2002 ,2013 में 2 पुरस्कार), जिससे वह सबसे अधिक ग्रैमी पुरस्कार पाने वाले भारतीय बन गए। लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और एल्बम ऑफ द ईयर अवार्ड इन सम्मानों में शामिल हैं।
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