दुष्कर्म के आरोपियों की द्वितीय जमानत याचिका खारिज सांकेतिक चित्र
क्राइम एक्सप्रेस

Shahdol : दुष्कर्म के आरोपियों की द्वितीय जमानत याचिका खारिज

अभियुक्तगण द्वारा माननीय अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष द्वितीय जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया, जहां अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर अभियुक्त का आवेदन माननीय न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया।

राज एक्सप्रेस

शहडोल, मध्यप्रदेश। ब्यौहारी न्यायालय के माननीय अपर सत्र न्यायाधीश के द्वारा थाना देवलोंद में अभियुक्तगण राजभान उर्फ लल्लू साकेत पिता शुभकरण साकेत उम्र-36 वर्ष एवं अहिवरण साकेत पिता स्व. परमेश्वरदीन साकेत उम्र-46 वर्ष दोनों निवासी ग्राम रमना टोला चौरी, थाना देवलोंद तहसील ब्यौहारी को 04 मार्च को धारा 363, 366ए, 376डी, 376(2) एफ, 506 भा.दं.वि. एवं 5जी, 5एन, 6 पॉक्सो एक्ट में जमानत का लाभ न देते हुए अभियुक्तगण की ओर से प्रस्तुत द्वितीय जमानत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 439 दं.प्र.सं. निरस्त कर दिया गया। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में जमानत आवेदन का सशक्त एवं तर्क पूर्ण विरोध आर.के. चतुर्वेदी, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी, ब्यौहारी जिला-शहडोल द्वारा किया गया।

यह है मामला :

संभागीय जनसंपर्क अधिकारी अभियोजन नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि 13 नवम्बर 2021 को थाना देवलोंद में पीड़िता/अभियोक्त्री उम्र-17 वर्ष द्वारा अपने माता-पिता व परिजनों के साथ उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि 08 नवम्बर 2021 को अभियुक्तगण राजभान उर्फ लल्लू भैया एवं अहिवरण साकेत के द्वारा जबरन उसे घर से उठाकर मोटर सायकिल में बिठाकर ग्राम कुबरी की तरफ ले जाकर सुखाड़ के जंगल में आरोपी राजभान उर्फ लल्लू साकेत ने जबरदस्ती गलत काम बलात्कार किया और आरोपी अहिवरण साकेत ग्राम कुबरी में उतर गया और राजभान साकेत उसे शहडोल ले जाकर कटनी जाने वाली बस में डरा-धमकाकर बैठा दिया था, तब वह कटनी पहुंचकर दूसरे के मोबाइल फोन से अपने माता-पिता से सम्पर्क किया और फिर घटना की सारी बात बतलाई। उक्ताशय की रिपोर्ट पर थाना देवलोंद द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 363, 366ए, 376डी, 376(2) एफ, 506 भा.दं.वि. एवं 5जी, 5एन, 6 पॉक्सो एक्ट कें अपराध के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया, जिसके बाद पुलिस द्वारा अभियुक्त को गिरफ्तार कर माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ब्यौहारी न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, अभियुक्तगण को न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया। इसके पश्चात अभियुक्तगण द्वारा माननीय अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष द्वितीय जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया, जहां अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर अभियुक्त का जमानत आवेदन माननीय न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया।

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