चरित्र शंका पर पत्नी को जिंदा जलाया, आरोपी की जमानत याचिका खारिज Social Media
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चरित्र शंका पर पत्नी को जलाया था जिंदा, आरोपी की जमानत याचिका खारिज

शहडोल, मध्य प्रदेश : कहते हैं पति पत्नी के बीच शंका कि कोई जगह नहीं होनी चाहिए, शंका घर बिगाड़ देती हैं। इसका उदाहरण शहडोल जिले के ब्यौहारी क्षेत्र में देखने को मिला।

Author : Afsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। सम्भागीय जनसंपर्क अधिकारी नवीन कुमार वर्मा ने बताया कि ब्यौहारी न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने थाना पपौंध में अभियुक्त घनश्याम कोल पिता शम्भू कोल उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम चितरासी थाना पपौंध को धारा 302, 304बी, 498ए/34 भादवि में अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन पत्र को निरस्त कर जेल भेजा। प्रकरण में जमानत याचिका का विरोध बसंत कुमार जैन अपर लोक अभियोजक ब्यौहारी ने पैरवी की।

किया था आग के हवाले :

15 जून को सूचनाकर्ता ने थाना पपौंध में उपस्थित होकर इस आशय का रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी लड़की की शादी ग्राम कुआ में दो साल पहले हुई थी। 08 जून को वह पाली में था तभी शाम को करीब 7 बजे उसकी पत्नी फोन से बताई कि उसकी लड़की ससुराल में आग से जल गई है जो शहडोल में भर्ती है। तब वह 15 जून को लड़की के ससुराल गया और देखा कि लड़की घर में मरी पड़ी थी और उसका पूरा शरीर जला हुआ था। सूचनाकर्ता के उक्त रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर जांच में लिया गया। जांच के दौरान मृतिका के मायके पक्ष से कथन लिए गए जिन्होंने अपने कथन में बताया कि मृतिका की शादी हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार 3-4 वर्ष पूर्व अभियुक्त घनश्याम कोल के साथ हुई थी। शादी के बाद मृतिका जब अपने मायके घर गई तो ससुर एवं अभियुक्त द्वारा शराब पीकर गाली-गलौज व मारपीट करना बतलाया गया। जिसके बाद उसे ससुराल घर नहीं भेजा गया।

चरित्र शंका पर करते थे मारपीट :

सास एवं ससुर मृतिका को बुलाने उसके मायके घर आए। मृतिका के सास-ससुर द्वारा अपनी जिम्मेदारी से और अच्छे से रखने की बात कहे जाने पर परिवार समाज के लोगों द्वारा उसे ससुराल भेजा गया। ससुराल जाने पर मृतिका के पति, ससुर, तथा उसकी बड़ी नंद के द्वारा चरित्र पर शंका कर उसे प्रताड़ित कर गाली-गलौज करते थे। घटना दिनांक 08 जून की शाम करीब 07 बजे नंद द्वारा बाल पकड़ कर जमीन पर गिरा देना एवं ससुर व ननद के द्वारा मृतिका को पकड़ लेना तथा सास द्वारा आग लगा देने की बात बताई गई। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया अभियुक्त द्वारा अपर सत्र न्यायालय ब्यौहारी के समक्ष जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया, जहां अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय द्वारा जमानत आवेदन पत्र खारिज कर दिया गया।

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