इंदौर,मध्यप्रदेश । जेल से न्यायालय के समक्ष पेश करने के लिये लेकर गये मुल्जिम को भगाने वाले पुलिस आरक्षक को अदालत ने 1 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जज ऋचा बठेजा ने थाना एमजी रोड़, इंदौर के केस में निर्णय पारित करते हुए आरोपी तुकाराम पिता श्रीराम कुमावत आयु 53 वर्ष, निवासी डीआरपी लाईन इंदौर को यह सजा सुनाई है।
यह था मामला-
11 नवंबर 2009 को एमजी रोड़ थाना के आरक्षक तुकाराम मुल्जिम मनोज के साथ गायब हो गया व उसके शासकीय क्वाटर से भी गायब है। इस संबंध में आरक्षक भरतसिंह से पूछने पर बताया कि उसकी सेंट्रल जेल के बंदियों को पेश करने हेतु ड्युटी लगायी गयी थी। तुकाराम ने शाहवरदान को मेरा नाम गलत नोट कराया तथा वह अकेले ही मुल्जिम मनोज को हथकड़ी लगाकर कोर्ट रूम में पेश करने गया था। तुकाराम ने मुल्जिम मनोज को वापस हवालात में जमा नहीं किया, जिसकी तस्दीक उप-निरीक्षक जीएस चौहान द्वारा की गई थी।
14 साल बाद हुआ फैसला
साल 2009 में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था, उसके बाद कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया गया। लगभग 14 साल बाद इस प्रकरण में फैसला आया है। बताया जाता है कि आरोपी ने स्वयं को बचाने के लिए कई तिकड़ी लगाई, लेकिन पुलिस की विवेचना में पुख्ता साक्ष्य होने से वह बच नहीं पाया।
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