पटना। बिहार में गया जिले के बोधगया स्थित बौद्ध धर्मावलंबियों के पवित्र धार्मिक स्थल महाबोधि मंदिर में वर्ष 2018 में निग्मा पूजा के दौरान हुए विस्फोट एवं बमों की बरामदगी के मामले के नौवें आरोपित ने भी सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में आवेदन दाखिल कर अपना गुनाह कबूल करने की इच्छा जाहिर की।
एनआईए के विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में मामले के आरोपित जाहिद उल इस्लाम ने जेल से ही आवेदन भेजकर अपना अपराध स्वीकार करने की इच्छा जाहिर की और मामले का निष्पादन किए जाने की प्रार्थना की है। अदालत ने आवेदन पर सुनवाई के लिए 04 फरवरी 2022 की तिथि निश्चित की है।
गौरतलब है कि घटना 19 जनवरी 2018 की है, जब महाबोधि मंदिर में बौद्ध धर्मावलंबियों की निगमा पूजा चल रही थी। इसमें बौद्ध धर्म के पावन गुरू दलाई लामा के अलावा कई देशों के धार्मिक प्रतिनिधि एवं विशिष्ट अतिथि शामिल हुए थे। इसी दौरान मंदिर परिसर में कालचक्र मैदान के निकट एक थरमस फ्लास्क बम का आंशिक विस्फोट हुआ था। इसके बाद स्थानीय पुलिस द्वारा की गई तलाशी में मंदिर परिसर से दो केन बम भी बरामद किए गए थे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एनआईए ने जांच के बाद नौ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था, जिनमें से आठ अभियुक्तों ने अपना अपराध कबूल कर लिया था। इसके बाद अदालत उनमें से तीन अभियुक्तों को उम्रकैद तथा पांच अभियुक्तों को 10 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। नौवें अभियुक्त जाहिद उल इस्लाम ने उस समय अपराध कबूल करने की पेशकश नहीं की थी। सभी अभियुक्त गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद हैं।
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