नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। जिला सहकारी बैंक के अंतर्गत आने वाली ग्राम रायपुर सेवा सहकारी समिति में तत्कालीन समिति प्रबंधक ओपी शर्मा एवं कर्मचारी दिनेश चंद्रोल की मिलीभगत से एक करोड़ 22 लाख रुपए का घोटाला सामने आया था, इसमें दोनों ही लोगों के खिलाफ एफआईआरदर्ज की गई थी, लेकिन उक्त लोगों के खिलाफ जिला सहकारी बैंक द्वारा अभी तक कोई वसूली नहीं की गई है और न ही पुलिस द्वारा इन्हें गिरफ्तार किया गया है। जबकि सेवा सहकारी समिति रायपुर बचत बैंक में पूरी तरह लेनदेन बंद कर दिया गया है। भुगतान के लिये किसान और अमानतदार समिति के चक्कर लगा रहे हैं, उनको जमा पैसा नहीं दिया जा रहा है।
रायपुर में किसान व अन्य लोग अपने खाते के पैसे निकालने के लिए सेवा सहकारी समिति के चक्कर लगा रहे हैं। सेवा सहकारी समिति रायपुर बचत बैंक में लगभग 300 खातेदार के पैसे जमा है, लेकिन एक रुपए भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है। हालाकि समिति का कामकाज सुचारू चल रहा है। लेकिन बचत बैंक पूरी तरीके से कंगाल हो गई है और लोगों की जमा पूंजी नहीं निकाली जा रही है। बताया जाता है कि सेवा सहकारी समिति में पदस्थ तत्कालीन प्रभारी कर्मचारी ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में मामला लगा रखा है, लेकिन बैंक महाप्रबंधक ने अभी तक इस मामले में कोई रुचि नहीं दिखाई है। खातेदार परेशान हैं, किसान परेशान हैं। इस मामले को लेकर कुछ लोगों ने कलेक्टर और कमिश्नर सहित सहकारिता मंत्री को भी लिखित और मौखिक शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सेवा सहकारी समिति रायपुर में पदस्थ ओपी शर्मा व कर्मचारी दिनेश चंद्रोल ने समिति से पैसा निकाल कर दूसरे मदों में उपयोग कर लिया, जबकि यह नियम के विरुद्ध था। मामला न्यायालय में चल रहा है, इसलिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इधर बैंक में जमा पैसा नहीं मिलने से खातेदार परेशान हैं। सूत्रों के अनुसार रायपुर सोसायटी बचत बैंक पूरी तरह कंगाल हो चुकी है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं, इसका खामियाजा सीधे तौर पर खातेदारों को ही भुगतना पड़ेगा।
प्रशासन ने लिया खबर पर संज्ञान, वसूली पर दिया जोर :
हाल ही में राज एक्सप्रेस में खबर प्रकाशित की गई थी कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में करोड़ों रुपए का ऋण बकाया है, जो कि कृषि ऋण व अन्य ऋण के नाम पर लोगों को वितरित किया गया था, इस मामले में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी। जिस पर प्रशासक नीरज सिंह कलेक्टर ने संज्ञान में लेते हुए बैंक महाप्रबंधक और कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए निर्देशित किया था कि बैंक की वसूली तत्काल की जाए जिस पर बैंक के महाप्रबंधक ने वसूली अभियान तेज कर दिया है और जिले भर से रोजाना लगभग 2 से 5 लाख की वसूली किसानों से की जा रही है, जो कि किसानों ने बैंक ऋण जिला सहकारी बैंक से लिया था।
इनका कहना :
गबन के मामले में तत्कालीन समिति प्रबंधक एवं सहायक समिति प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज हुई है, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट से स्थगन ले लिया है। पुलिस ने चालान भी प्रस्तुत नहीं किया है। आगे की कार्यवाही बैंक द्वारा की जाएगी।मान सिंह अहिरवार, समिति प्रबंधक, रायपुर
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