सिंगरौली, मध्यप्रदेश। कोरोना संकट के बीच गुरुवार शाम जयंत खदान के फर्स्ट फेस से किशोरी का शव मिलने से सनसनी फैल गई, आनन-फानन में इसकी सूचना एनसीएल प्रबंधन व मोरवा थाने में दी गयी। जिसके बाद पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। शव की शिनाख्त मढौली निवासी 14 वर्षीय किशोरी किरण खैरवार पिता बहादुर खैरवार के तौर पर की गई है।
हादसे को लेकर एनसीएल प्रबंधन की लापरवाही आई सामने :
मिली जानकारी के अनुसार किशोरी बीते सोमवार से लापता थी, जिसके गुमशुदगी की तहरीर उनके परिजनों ने बुधवार को मोरवा थाने में भी दी थी। ग्रामीणों के अनुसार खदान के समीप बच्चे खेलते रहते हैं। बहुत संभव है कि खेलते हुए किशोरी फिसल कर खदान में जा गिरी हो। जिससे ये हादसा पेश आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि एनसीएल प्रबंधन द्वारा सेफ्टी जोन में कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिनकी लापरवाही के कारण आए दिन यहां हादसे पेश आते हैं। फिलहाल पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
सुरक्षा के नाम पर करोड़ों खर्च फिर भी हादसों का दौर जारी :
खदानों की सुरक्षा को लेकर एनसीएल प्रबंधन द्वारा हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं। उसके बावजूद एनसीएल की खदानों में हादसों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। पूर्व में कई घटनाएं ऐसी घटित हुई हैं जिसमें एनसीएल कर्मी कार्य के दौरान चोटिल व काल के गाल में समा गए हैं। इसके अलावा कई ऐसे भी मामले पेश आये हैं जिसमें प्रबंधन की लापरवाही से आम जनमानस को जान से हाथ धोना पड़ा है।
अगर मिला होता मुआवजा तो नहीं होता हादसा :
स्थानीय लोगों की मानें तो जयंत खदान के विस्तार के लिए मुआवजा वितरण का कार्य धीमी रफ्तार से चल रहा है। ऐसे में कई लोग अभी भी उचित न्याय की बाट जोह रहे हैं। जिस कारण उन्होंने अपनी जमीन नहीं छोड़ी है। लोगों की मानें तो सेफ्टी जोन में कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं और अगर प्रबंधन द्वारा स्थानीय लोगों को समय पर मुआवजा दे दिया जाता है तो वह कहीं और जा बसते, जिससे इस प्रकार होने वाली अप्रिय घटना न घटित होती।
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