इंदौर, मध्यप्रदेश। विजयनगर में करीब 15 दिन पहले ट्रांसपोर्ट संचालक राजकुमार अग्रवाल की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। अग्रवाल से आन लाइन संपंर्क कर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया गया था। मामला क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा। इनवेस्टीगेशन करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम यूपी के आगरा तक पहुंची और हिमांशु गिरी को पकड़ लिया। उससे रिमांड पर पूछताछ में पता चला कि गैंग का सरगना दुर्गेश कुमारसिंह ठाकुर है क्राइम ब्रांच ने उसे भी पकड़ लिया। गैंग यूपी सहित कई राज्यों में हैलो गैंग के नाम से कुख्यात हैं। फर्जी बैंक खातों और फर्जी सिम के जरिए ये ट्रांसपोर्टर बनने के साथ ही बॉडी मसाज और नौकरी के नाम पर भी ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। दुर्गेश का साथी हिमांशु फर्जी बैंक खाते उपलब्ध करवाता था।
धोखाधड़ी की शिकायत बाद पुलिस ने बैंक खातों के आधार पर जांच शुरु की और हिमांशु गिरी को नोयडा क्षेत्र से पकड़ लिया। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो पता चला कि गैंग हैलो गैंग के नाम से कुख्यात है और इसका मास्टर माइंड दुर्गेश कुमारसिंह है। उसे भी पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ में पता चला कि आरोपी आनलाइन फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी खोलकर देश के कई राज्यों में ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था। दुर्गेश का साथी हिमांशु माडलिंग का शौक रखता था और एक काल सेंटर पर इनकी दोस्ती हुई थी। इसके बाद हिमांशु भी गैंग में शामिल हो गया और ठगी की वारदातें करने लगा। आरोपी ओएलएक्स, ई-ट्रक और जस्ट डायल पर श्री लाजिस्टिक, एजीटीसी लाजिस्टिक, वेस्ट बालाजी पैकर्स और मूवर्स, छाया पैकर्स, साक्षी ट्रेवल सर्विस, आरसीआइ ट्रांसपोर्ट और अन्य नामों से रजिस्ट्रेशन करवा लेते थे। कम कीमत पर सामान पहुंचाने का झांसा देकर ट्रांसपोर्टर और कारोबारियों को झांंसा देकर आनलाइन बुकिंग करने के बाद एडवांस ले लेते और बाद में उनसे संपंर्क तोड़ देते थे। आरोपियों ने मप्र, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़ आदि में ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। दुर्गेश के खिलाफ तो यूपी के कई थानों में ठगी के केस दर्ज हैं। इनसे पूछताछ में कई और रहस्य सामने आ सकते हैं।
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