इंदौर, मध्यप्रदेश। स्टेट सायबर सेल ने सोशल मीडिया पर युवती एवं महिलाओं से गहरी दोस्ती कर उनको महंगे विदेशी उपहार का झांसा देकर लाखों रूपयें की धोखाधड़ी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गैंग के विदेशी सदस्य को बंदी बनाया है। इस गैंग ने मालवा मील में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला के साथ 31 लाख 64 हजार रुपए की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था। स्टेट सायबर सेल को शिकायत मिलने के बाद टीम हाईटेक तरीके से इस नाजीरियन तक पहुंची और उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया। उसे रिमांड पर लेकर गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है। किसी बड़े गैंग का खुलासा होने की उम्मीद है। वह बिजनेस वीजा पर भारत आया था अवधि समाप्त होने के बाद अवैध रुप से दिल्ली में रह रहा था और यहीं उसने गैंग के साथ ठगी करना शुरु किया था।
स्टेट सायबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि 18 नवंबर 2020 को मालवा मिल निवासी 62 साल की आवेदिका ने लिखित आवेदन प्रस्तुत किया जिसमें आवेदिका द्वारा एक विदेशी युवक जिसने अपना नाम डेविस लारेन्स बताया था ने फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से दोस्ती कर चैटिंग की उसके बाद आवेदिका का मोबाईल नंबर प्राप्त कर लिया। उस नंबर पर विभिन्न विदेशी नंबरों से व्हाटसएप चैटिंग के माध्यम से विदेश से उपहार भेजने के नाम पर जिसमें इलैक्टानिक डिवाइस एवं विदेशी मुद्रा पांउड जिसके पार्सल की कीमत 1 करोड़ 95 लाख से अधिक रूपयों का बताकर मैसेज व व्हाटसएप कॉल किए। इसके बाद उन उपहारों का पार्सल छुडाने के एवज में कस्टम अधिकारी बनकर फरियादिया से अलग-अलग बैंकों के चार बैंक खातों में कुल 31,64,000 रूपये जमा करा लिये गए एवं और अधिक रूपयों की डिमांड करते हुए अन्य तीन बैंक खाते दिए गए। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने इंस्पेक्टर अम्बरीश मिश्रा एवं हेड कांस्टेबल मनोज राठौड़ को शिकायत जांच सौपी । संपूर्ण शिकायत जांच कर संदिग्ध मोबाईल नंबर और बैंक खातों की जानकारी लेकर स्टेट सायबर सेल जोन इन्दौर द्वारा धारा 419,420 भादवि एवं 66 डी आईटी एक्ट का केस दर्ज कर विवेचना इंस्पेक्टर मिश्रा को सौंपी गई।
इस तरह सुराग मिला विदेशी ठग का :
बैंक खातों व मोबाईल नंबरो का तकनीकी विश्लेषण करने पर पता चला कि दिल्ली में रहने वाला नाइजीरियन विदेशी युवक जिसका नाम विसडम सन आफ चिमेनजी ओबीना निवासी सिटी क्वारी स्टेट -आईएमओ कंट्री नाइजीरिया हाल मुकाम बी-73 एकता इनक्लेव बुरारी, दिल्ली की उक्त अपराध में संलिप्ता पाई गई। जिसको पकड़ने के लिए एक टीम जिसमें इंस्पेक्टर मिश्रा, हेड कांस्टेबल राठौड़, कांस्टेबल राहुलसिंह गौर, कांस्टेबल विजय बड़ोदकर को नई दिल्ली रवाना किया। टीम द्वारा प्राप्त तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर विदेशी नाइजीरियन युवक को धरदबोचा जिससे पूछताछ पर करने पर अपराध में संलिप्त होना स्वीकार करने पर गिरफ्तार किया गया ।
बिजनेस वीजा पर आया था भारत :
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह 2014 एवं 2017 में भारत बिजनेस वीजा पर आया था। वीजा खत्म होने के बाद अवैध रूप से दिल्ली एनसीआर में रहकर इस ठगी के कार्य मे सक्रिय होकर अलग-अलग विदेशी फर्जी नामों से फेसबुक आईडी बनाकर विशेष कर भारतीय युवती एवं महिलाओं से चैटिंग कर उनको अपनी बातों के झांसे मे लेकर उनसे दोस्ती करता और बाद में जब उन युवती एवं महिलाओं को पूरा विश्वास हो जाता है तो उनको महंगे गिफ्ट व उपहार का लालच देते हैं। फिर गैंग के अन्य सदस्य कस्टम अधिकारी बनकर युवती, महिलाओं से पार्सल छुड़वाने की एवज में टैक्स व पेनल्टी के नाम पर रूपयों की डिमांड कर बैंक खाते का व्हाटसएप के जरिए मैसेज करते हैं और रूपयें ट्रांसफर करवा लेते हैं, जो रूपयें नही डालते हैं उनको ये लीगल एक्शन का डर दिखाकर जेल जाने की धमकी देकर धोखाधड़ी पूर्वक रूपये ट्रांसफर करवाते हैं।
कैसे जुगाड़ता था अलग-अलग खाते और मोबाइल नंबर :
आरोपी द्वारा अलग-अलग भारतीय बैंक खातें व मोबाईल नंबर प्राप्त करने के लिए एक मोटी रकम उपलब्ध करवाने वालों को दी जाती है। जो लोग बैंक खातें व फर्जी नामों से मोबाईल नंबर लेकर आरोपी को कोरियर के माध्यम से उसके बताए हुए पते पर भेज देते थे। उसका कमीशन आरोपी द्वारा उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। बैंक खातें उपलब्ध करवाने वाले दलाल मजदूर व गरीब व्यकि्तयों को कुछ रूपयों का लालच देकर उनसे उनके दस्तावेजों के आधार पर बैंक खातें खुलवाकर, बैंक खातों की पासबुक व एटीएम कार्ड प्राप्त कर आरोपी को कुरियर के माध्यम से भेज देते थे। स्टेट सायबर सेल की विवेचना में यह भी तथ्य सामने आया है कि आरोपी उसके अन्य साथीगण भारतीय नागरिको को लॉटरी ईनाम खुलने एवं विदेश में नौकरी देने का झॉसा देकर उनसे छल-कपट कर रूपयों की डिमांड करते है। जिसकी विस्तृत व सूक्ष्मता से जॉच की जा रही है एवं गिरोह के जुड़े अन्य सदस्यों के बारे में आरोपी का पुलिस रिमांड प्राप्त कर पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार आरोपी विसडम से दो लैपटाप, 3 पेन ड्राइव, 9 मोबाइल, 8 सिम कार्ड, 2 डोंगल, पासपोर्ट, अलग-अलग बैंक खातों की 8 पासबुक जिसमें 6 ग्वालियर ब्रांच की पास बुक, तीन एटीएम डेबिट कार्ड और 11 सौ रुपए नगद भी जब्त किए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सायबर सेल योगेश चौधरी ने सायबर टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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