पुलिस की गिरफ्त में आरोपी Ravi Verma - RE
क्राइम एक्सप्रेस

Indore : जंगल में मिली अधजली लाश का रहस्य उजागर

इंदौर-महू, मध्यप्रदेश : बड़गोदा के जंगल में दो दिन पहले मिली लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। कत्ल अवैध संबंधों को लेकर हुआ था। आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

Pradeep Chauhan

इंदौर-महू, मध्यप्रदेश। बड़गोदा के जंगल में दो दिन पहले मिली लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। कत्ल अवैध संबंधों को लेकर हुआ था। अवैध सबंधों की भनक लगने के बाद मृतक की प्रेमिका,उसके पति और रिश्तेदारों ने षडय़ंत्र रचकर इस वारदात को अंजाम दिया और अपनी करतूत छिपाने के लिए लाश को जंगल में ले जाकर कंडे से उसकी चिता बनाई और जला दिया। चिता में आग लगाने के बाद आरोपी वहां काफी देर तक रुके रहे। उन्हें जब विश्वास हो गया कि लाश पूरी तरह जल गई है तो उसके बाद ही वे वहां से रवाना हुए। पुलिस ने इस मामले में एक महिला सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

किशनगंज कटकटखेड़ी निवासी हंसराज पिता हुकुमसिंह चौहान ठेकदारी का काम करता था। इसी दौरान उसका परिचय मलेंडी की एक युवती से हुआ। इन दोनों के बीच अवैध संबंध भी बन गए। ये सिलसिला कई दिनों तक चला। किसी तरह ठेकेदार और युवती के प्रेम प्रसंग की बात महिला के पति कन्हैयालाल को हो गई। बताते हैं कि उसने पत्नी की करतूत अपने साले को बताई तो वे भी काफी नाराज हुए। अंतत: पति और दो अन्य ने मिलकर ठेकदार को ठिकाने लगाने की प्लानिंग की और इसमें ठेकेदार की प्रेमिका को भी शामिल कर लिया।

प्रेमिका ने ही फोन कर बुलवाया था :

हंसराज चौहान इस बात से अनजान था कि उसकी प्रेमिका और उसका पति रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसकी हत्या का षडय़ंत्र रच रहे हैं। ठेकेदार को 19 जुलाई को उसकी प्रेमिका ने ही फोन कर मिलने बुलवाया था। कन्हैयालाल ने बताया कि हंसराज मेरी पत्नि को बार-बार फोन कर परेशान कर रहा था काफी समझाने पर भी नहीं मान रहा था, जिससे हम लोगो ने हंसराज को योजना बनाकर मारने का प्लान तैयार किया था। हंसराज को मलेन्डी से कुशलगढ़ जाते समय मोटर साईकिलो से पीछा कर पिपल्या के जंगल मे हंसराज को सिर पर डंडे से वार किया। उसके बाद लाश को घसीटते हुए जंगल में ले गए और जला डाला। हंसराज का मोबाईल व मोटर सायकल को जामगेट से आगे जंगल मे फेंक दिया था।

स्पाट पर मिले डंडे से मिला सुराग :

पुलिस ने कत्ल का सुराग लगाने और मृतक की पहचान के लिए हाईटेक तरीकों का उपयोग किया। मृतक की पहचान के लिए गुमशुदा लोगों के रिकार्ड खंगालने पर पता चला कि ठेकेदार हंसराज लापता है। उसके भाई ने उसकी गुमशुदगी भी दर्ज करवाई थी। उसके बाद हंसराज के मोबाइल की काल डिटेल निकलवाई। उसमें प्रेमिका का नंबर मिला। उसके बाद स्पाट से पुलिस को एक डंडा मिला जिस पर अंग्रेजी में राकेश बी लिखा हुआ था। सायबर सेल की मदद से हंसराज की काल डिटेल में उसकी प्रेमिका का नंबर मिला। प्रेमिका के पति से पूछताछ की तो उसने कहा कि ये नंबर हमारा नहीं है। उस नंबर की डिटेल निकलवाई तो पता चला कि उस नंबर पर राकेश की बातचीत हुई है। राकेश के बारे में पता चला कि वह कन्हैयालाल का रिश्तेदार है। इसके बाद उससे पूछताछ की गई तो सच्चाई सामने आ गई। उसके बाद अन्य आरोपियों को भी पकड़ लिया गया।

पुलिस के सामने कबूली वारदात :

एसपी देहात भगवतसिंह विरदे ने बताया कि आरोपियों ने हत्या की वारदात कबूल ली है। इस मामले में कन्हैया पिता रामचंद्र चौधरी, ग्राम मलेंडी, अजय उर्फ अज्जू पिता देवीसिंह सोलंकी (बनारसी), मलेंडी, राकेश पिता देवकरण वर्मा और कन्हैयालाल की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस हंसराज की बाइक और मोबाइल भी जब्त करने के प्रयास कर रही है।

डीएनए करवाने के पहले ही खुलासा :

पुलिस मृतक की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की तैयारी कर रही थी उसी दौरान इनवेस्टीगेशन में इस अंधे कत्ल का खुलासा हो गया। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी मृतक का डीएनए टेस्ट करवाना जरुरी है क्यों कि डीएनए टेस्ट से ही कोर्ट में ये साबित होगा कि जली हुई लाश हंसराज चौहान की है। उसके आधार पर ही पुलिस चार्ज शीट बनाकर कोर्ट में पेश करेगी। इसके साथ ही स्पाट पर मिला राकेश का डंडा जिस पर राकेशबी लिखा है,हंसराज की बाइक आदि भी कोर्ट में पेश किए जाएंगे।

इनकी रही सराहनीय भूमिका :

अंधे कत्ल का खुलासा करने में थाना प्रभारी बड़गोदा अमित कुमार, थाना प्रभारी किशनगंज कुलदीप खत्री, सब इंस्पेक्टर अजब सिंह यादव, मिकिता चौहान, सुरेश यादव, ओमप्रकाश स्वामी, सखाराम जामोद, राकेश चौहान, सुभाष चौहान, रियाज खान,विजय चौहान, राकेश गोडाले, जितेन्द्र गोलकर, लालसिंह राठौर, रंजीत, गोपाल सिंह राजावत, रवि राजावत, संदीप कारडे की सराहनीय भूमिका रही।

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