करीब दो करोड़ की धोखाधड़ी में बिल्डर और बेटों के खिलाफ केस दर्ज सांकेतिक चित्र
क्राइम एक्सप्रेस

Indore : करीब दो करोड़ की धोखाधड़ी में बिल्डर और बेटों के खिलाफ केस दर्ज

इंदौर, मध्यप्रदेश : तीन साल में पैसा दुगना करने का दिया था लालच। दर्जनों इनवेस्टर्स से वसूले पैसे, प्राफिट के बदले मिली जान से मारने की धमकी।

Pradeep Chauhan

इंदौर, मध्यप्रदेश। पुलिस ने बिल्डर पिता और बेटों के खिलाफ करीब दो करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोपियों ने अपने प्रोजेक्ट में पैसा लगाने वाले लोगों को कुछ समय बाद दो गुना तक पैसा देने का झांसा दिया था। इन लोगों ने कई लोगों को प्राफिट भी दिया। इसके कारण कई लोगों ने प्रोजेक्ट में लाखों रुपए लगा दिए। पीड़ितों में संभ्रांत परिवार की महिलाएं भी शामिल हैं। आटो पार्टस व्यापारी, डाक्टर और अन्य व्यापार करने वाले दर्जनों धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। इन लोगों ने 2015 में अपना पैसा इनवेस्ट किया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने 1 करोड़ 90 लाख 71 हजार की धोखाधड़ी की है। तुकोगंज पुलिस ने प्रमोद सेठी, रोहन सेठी एव राघव सेठी के विरुद्ध धारा 420, 409, 506, 34 का केस दर्ज किया है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी दर्शन रियल स्टेट कंपनी के नाम से बिल्डिंग बनाने का काम करते है। इनका एमजी रोड स्थित मेघा पालिस स्केवयर के नाम पर आफिस था। इन्होंने पीड़ितों को बताया कि ट्रेजर आईलेड क सामने मेगा पालिस स्केवयर नाम से इनका प्रोजेक्ट चल रहा है। यहां जितना पैसा लगाओगे उतना आपकों तीन साल में प्राफिट मिल जाएगा याने आपका पैसा दो गुना तक हो जाएगा। इन्होंने किसी को 30 प्रतिशत तो किसी को 50 प्रतिशत से अधिक प्राफिट का लालच दिया। पीड़ितों से इन्होंने पांच से 15 लाख रुपए तक ले लिए, इसके एवज में तीन साल का चैक दे दिया। पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने 2015 में बिल्डर और उसके बेटों को रुपए दिए थे, लेकिन आज तक इन्होंने हमें मूल धन तक नहीं दिया, प्राफिट तो दूर मूलधन तक नहीं मिला है।

पुलिस के मुताबिक प्रमोद सेठी व उनके पुत्र राघव सेठी एव रोहन सेठी द्वारा मेगापोलिस स्केवयर नाम के प्रोजेक्ट इन्वेसमेंट कर प्राफिट दिलाने के नाम पर आवेदकगणों से इन्वेस्टमेंट कन्सलटेंट के माध्यम से राशि इन्वेस्ट कराई एवं बाद में मूल राशि व प्रोफिट की पूर्ण राशि वापस नहीं लोटाई गयी राशि मांगने पर जान से मांगने पर जान से मारने की धमकी दी गयी। आरोपियों ने कई लोगों से प्रोजेक्ट में इनवेस्टमेंट के नाम पर लाखों रुपए लिए। उनमें से कुछ लोगों को कुछ समय बाद पैसा और प्राफिट भी दिया। इसके कारण इसमें इनवेस्टर्स ने विश्वास कर अपने लाखों रुपए प्रोजेक्ट में लगा दिए। तय वक्त गुजर जाने के बाद जब इनवेस्टर्स अपना पैसा और प्राफिट मांगने पहुंचे तो उन्हें जवाब मिला कि प्रोजेक्ट घाटे में चला गया है और वे फिलहाल पैसा वापस नहीं कर सकते। कई बार पैसा मांगने पर आरोपियों ने उन्हें धमकी दी कि यदि 'यादा परेशान किया तो हमारे बाउंसर्स तुम्हें निपटा देंगे। कई इनवेस्टर्स को इन्होंने जल्द ही पैसा देने का वादा किया लेकिन काफी वक्त बीत जाने के बाद भी उन्हें प्राफिट तो ठीक मूलधन तक नहीं मिला। इस मामले में पीड़ितों ने बड़े अफसरों को शिकायत की,वहां से जांच के निर्देश मिलने के बाद तुकोगंज पुलिस ने लंबी चौड़ी इनवेस्टीगेशन की,दर्जनों पीड़ितों के बयान लिए उसके बाद केस दर्ज किया गया।

ये हैं पीड़ित लोग

जांच के दौरान पुलिस ने जिन लोगों के बयान लिए उनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं। तेजकुमार छाजेड, सुरेश गेरा पिता हरीराम, अमित दुसार प्रमेश शाह, करण नारसरिया पिता श्याम नारसिया, मनोज अग्रवाल पिता रमेशचंद अग्रवाल, निर्मला सिंधी पति पवन सिंधी, नितिन भावसार पिता कैलाश चंद भावसार, बलवीर सिंह पिता माधव सिंह, रवि गुप्ता पिता प्रकाश गुप्ता, शरद पिता रामगोपाल दशाद, विनय पिता विकास सेरेकर, स्नेहा शाह पति संजय शाह, रोहन गेरा, देवेन्द्र पिता राजेन्द्र सिंह सुराना, सुनील सैनी पिता स्व बाबू लाल सैनी, नवीन कुमार सैनी पिता स्व बाबूलाल सैनी, विकास गोयल पिता सुरेशचंद गोयल, कबीर पिता अशोक अरोरा, मनोरमा पति रमेश गोयल, सुनिकेत पिता सुनील जैन, प्रणव सिंधी पिता पवन सिंधी, मधु पाटनी पति स्व पवन पाटनी, सुरेन्द्र पिता महेन्द्र सिंह राठौर, डॉ. एश्वर्या जैन पिता आलोक अजमेरा, आलोक पिता सत्यनारायण अजमेरा, निकेश पिता दिलीप जैन, हर्ष पिता हेमंत जैन, अनिल सैनी पिता रामकिशन सैनी, प्रवीण पिता रामकिशन सैनी, अनिरुद्ध पिता विमल सैनी, मधुसूदन झंवर पिता राधा किशन झवर आदि।

कारोबारी की खुदकुशी में भी चर्चित हुए थे :

प्रमोद और उनके बेटों का नाम एक रेडीमेड कारोबारी की खुदकुशी के मामले में भी सामने आया था। रेडीमेड कपड़ा कारोबारी हरीश पाहवा, चंद्र नगर ने कुछ साल पहले आत्महत्या कर ली थी। मामले में विजय नगर पुलिस ने मर्ग कायम किया था। इस मामले में मृतक के बेटे ने आरोप लगाया था कि पिता ने अपने ममेरे भाई प्रमोद सेठी, उनके बेटे रोहन और राघव सेठी को कुछ समय पहले 22 से 23 लाख रुपये उधार दिए थे। वे अपने ही पैसे मांग रहे थे लेकिन ये तीनों उन्हें ही प्रताड़ित करते थे। वहीं उन्हें थाने में भी बैठा दिया था। इसके चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली।

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