इंदौर, मध्यप्रदेश। देव उठनी ग्यारस के बाद अब शादियों का मौसम शुरु हो गया है। यदि आपके घर में कोई शादी समारोह हो रहा है तो आप सावधान हो जाएं क्योंकि मेहमान के रुप में कोई नाबालिग या महिला आपका कीमती सामान लेकर गायब हो सकती है। शादी समारोह का मौसम आते ही सांसी गैंग सक्रिय हो जाती है। पचौर में रहने वाले ज्यादातर सांसी परिवार शहर में आकर वारदात करते हैं और रातों-रात गायब हो जाते हैं। अब तो ये गैंग भी हाईटेक तरीके अपनाने लगे हैं। वारदात के बाद तत्काल फरार होने के कारण इनका सुराग नहीं मिल पाता। शादी समारोह में ये कई बार बच्चों की मदद से भी गिफ्ट और कैश उड़ाने की वारदातों को अंजाम देते हैं। इस तरह के कई मामले हैं जिनमें वारदात करते समय पकड़े जाने पर नाबालिग होने के कारण केस मजबूत नहीं बन पाता तो कई बार तो पीडि़त पक्ष ही इन्हें छोड़ देते हैं और ये पुलिस कार्रवाई से बच जाते हैं।
पचौर और देवास के आसपास हैं इनके डेरे :
इस तरह की वारदात में अक्सर सांसी गैंग के सदस्य ही सक्रिय रहते हैं। पचौर,देवास और जिले के आसपास इनके डेरे हैं। फिल्मी स्टाईल में वारदात करने के लिए गैंग के सदस्य काम की तलाश या फिर छोटा-मोटा सामान बेचने के बहाने इस तरह के आयोजन की रैकी करते हैं। रैकी के बाद गैंग के अन्य सदस्यों को ये जानकारी पहुंचती है। उसके बाद ये तय होता है कि जिस परिवार में आयोजन हो रहा है वहां आने वाले ज्यादातर लोग कैसे होंगे। उसके आधार पर ये अपनी प्लानिंग बनाते हैं।
बच्चों को देते हैं ट्रैनिंग :
इस तरह की वारदात करने वाली गैंग के सदस्य अपने बच्चों को शादी समारोह में चोरी करने के लिए बाकायदा ट्रैनिंग देते हैं। ट्रैनिंग के लिए तैयार बच्चों को किसी रईसजादे जैसे हावभाव सिखाए जातेे है। कई बार तो बच्चों को पकड़ने के बाद भी मामला पुलिस तक नहीं पहुंचता। गैंग के सदस्य पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए ये तरीका अपनाते हैं। शानदार कपड़े पहनाकर बच्चों को समारोह में भेजते हैं, ताकि वे किसी रईस की संतान दिखे। कई बार तो उनके कपड़ों को देखकर भी लोग उन्हें अनदेखा कर देते हैं और ये मौका मिलते ही वारदात को अंजाम दे देते हैं।
महिलाएं और बच्चों की मदद :
गैंग में महिलाओं और बच्चे भी शामिल रहते हैं। समारोह में सजधज कर पहुंचने वाले बच्चे और महिलाएं अक्सर गिफ्ट ओर लिफाफों पर नजर रखते हैं। समारोह के दौरान ये उसी स्थान पर पैनी नजर रखते हैं। इनके अन्य साथी समारोह स्थल के बाहर ही रहते हैं। पहले से ही तय रहता है कि वारदात करने वाले बच्चे या महिलाएं किस स्थान पर पहुंचेंगे। वारदात के बाद गैंग तय स्थान पर पहुंचती है और वहां से ये तत्काल फरार हो जाते हैं।
अब हो गए हाईटेक निजी वाहनों से भी होते हैं फरार :
कुछ अरसे तक सांसी गैंग के सदस्य वारदात के बाद ट्रेन या बस से तत्काल फरार हो जाते थे। लेकिन समय के साथ-साथ अब गैंग भी हाईटेक होता जा रहा है। गैंग के कई सदस्य बाइक या फिर कार,लोडिंग वाहन से शहर से फरार हो जाते हैं। इसके लिए भी ये पहले से तय कर लेते हैं कि किस रास्ते से इन्हें वाहन लेकर जाना है जहां पुलिस की नजर नहीं पड़े। बताते हैं कि कई बार तो ये वाहन पर फर्जी नंबर लगाकर टोल नाके पार कर जाते हैं और इसीलिए पुलिस इनका जल्द पता नहीं लगा पाती। इन लोगों को ऐसे रास्ते भी पता रहते हैं जहां से फरार होने के बाद पुलिस को इनका सुराग लगाने में काफी मशक्कत करना पड़ती है।
चुनौती बनकर रह जाती है ऐसी वारदातें :
पिछले पांच साल में इस तरह विवाह समारोह में होने वाली वारदातों पर नजर डाली जाए तो ये कड़वा सच सामने आता है कि वारदात के फुटेज मिलने के बाद भी पुलिस 20 प्रतिशत मामलों में भी आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती। गिफ्ट चोरी होने के मामले अक्सर पुलिस रेकार्ड में ही दफन होकर रह जाते हैं। इस तरह के दर्जनों मामले हैं जिनमें फुटेज मिलने के बाद भी गुत्थी नहीं सुलझी है। सालों से इस तरह के मामले पुलिस के सामने चुनौती बन गए हैं। पुलिस की कई कोशिशों के बाद भी इस तरह के मामले थम नहीं रहे हैं।
नहीं मिला कार में आई युवतियों का सुराग : जलसा गार्डन झलारिया में आयोजित एक विवाह समारोह में कार से आई युवतियां लाखों रुपए के गिफ्ट एवं कैश के लिफाफे वाला बैग लेकर गायब हो गई थी। उनकी ये वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। पुलिस कार के नंबर और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इन दोनों संदिग्ध युवतियों की तलाश कर रही है। पता चला है कि कनाडिय़ा पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। कई स्थानों पर युवतियों की तलाश के बाद भी समाचार लिखे जाने तक इनका सुराग नहीं मिल पाया था। पुलिस का कहना है कि युवतियों की तलाश की जा रही है,जल्द ही मामले का खुलासा होगा।
जन सहयोग भी जरुरी-एडिशनल कमिश्नर :
एडिशनल कमिश्नर राजेश हिंगणकर बताते हैं कि इस तरह की वारदातें रोकने में जन सहयोग भी जरुरी है। शादी समारोह आयोजित करने वालों को भी सतर्क रहना चाहिए। यदि कोई संदिग्ध दिखे तो उससे पूछताछ करें और पुलिस को खबर दें,पुलिस उनकी हर तरह से सहायता करेगी। कई स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज भी लगाए गए हैं। इनफारमर्स की टीम भी सक्रिय रहती है। पुलिस की सक्रियता और सीसीटीवी कैमरों के कारण कई बार तो वारदातें भी टल जाती हैं। पुलिस भी इस तरह की सूचना मिलने पर तत्काल एक्टिव होती है और आरोपियों को पकड़ने की कोशिश करती है।
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