TI ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी Social Media
क्राइम एक्सप्रेस

Indore : पुलिस कंट्रोल रूम में TI ने महिला अधिकारी को गोली मारी, फिर खुद भी दे दी जान

इंदौर, मध्यप्रदेश : पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस अधिकारी ने महिला आरक्षक को गोली मार दी और बाद में उसने खुद को भी गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

Ravi Verma, Priyanka Yadav, Pradeep Chauhan

इंदौर, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के इंदौर से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है, यहां पुलिस कंट्रोल रूम में टीआई ने सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया, फिर बाद में टीआई ने अपनी भी जान दे दी। भोपाल के टीआई हाकमसिंह पंवार ने कार विवाद को लेकर महिला सब इंस्पेक्टर रंजना खांडे की हत्या कर खुद भी आत्महत्या के इरादे से सर्विस रिवाल्वर से दो फायर किए। रंजना पर गोली चलाने के बाद वह जब लहूलुहान होकर गिरी तो उन्हें लगा कि उसकी जान चली गई है। उन्होंने खुद को भी सिर में गोली मार ली। पंवार ने रंजना के सिर पर गोली मारी थी लेकिन उनका निशाना चूक गया और रंजना तो बच गई,उनकी खुद की जान चली गई।

2018 से थी पंवार-रंजना की पहचान :

पंवार इंदौर के अन्नपूर्णा,सराफा,खुडैल,चंद्रावतीगंज,सिमरोल में भी पदस्थ रहे हैं। यहीं पर उनकी 2018 में रंजना से परिचय हुआ था। वे रंजना के घर पर भी आते -जाते थे। बताते हैं कि उनकी कार्यशैली को लेकर वे कुछ विवादों में भी रहे और उनका ट्रांसफर भी किया गया था। सूत्र बताते हैं कि रंजना की एक कार को लेकर इनके बीच विवाद चल रहा था। वे छुट्टी लेकर इसी विवाद को निपटाने के लिए इंदौर में आए थे। इस मामले में टीआई पंवार की भोपाल में शिकायत भी हुई थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि काफी पीते समय इन दोनों के बीच काफी लंबी बातचीत हुई। उसी दौरान विवाद हुआ और वहां से बाहर आते ही पंवार ने पहले रंजना को गोली मारी और फिर खुद को भी गोली से उड़ा लिया। रंजना को गोली मारने में उनका निशाना चूक गया और रंजना के करीब से होकर मौत निकल गई। बताते हैं कि निशाना तो रंजना के सिर था लेकिन गोली कान के पास से निकल गई और रंजना को ज्यादा चोट नहीं लगी।

मेरे पिता तुल्य थे उन्होंने ऐसा क्यों किया...?

रंजना ने बताया कि उन्होंने पंवार से एक कार खरीदी थी। ये कार रंजना के भाई के नाम पर खरीदी गई थी। लेकिन वे कार नहीं दे रहे थे। कार ट्रांसफर को लेकर करीब 6 माह से विवाद चल रहा था। मैने खुद भोपाल जाकर भाई के साथ मिलकर पंवार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत दर्ज करवाने के बाद तो ये विवाद और बढ़ गया था। उनका फोन आया कि मैं इंदौर आया हूं। इसके बाद वे कंट्रोल रुम पहुंचे थे। हमने काफी पी इसी दौरान कार को लेकर फिर से बातचीत हुई। वे कैफे से बाहर आए और गोली चला दी। प्रेम प्रसंग की बात पर रंजना का कहना था कि उनसे मेरा परिचय आजकल का नहीं है। 2018 में वे जब इंदौर में पदस्थ थे तब परिचय हुआ था। वे मेरे पिता तुल्य और बहुत अच्छे इंसान थे,उन्होने ऐसा क्यों किया मेरी समझ में नहीं आ रहा है।

शुक्रवार दोपहर की बताई जा रही है ये घटना

ये घटना शुक्रवार दोपहर की बताई जा रही है, मृतक टीआई हाकम सिंह पहले इंदौर के खुडैल में पदस्थ रहे थे। इसके बाद वे खरगोन के महेश्वर और भीकनगांव में भी टीआई रहे हैं। कुछ समय पहले ही उनका तबादला इंदौर ग्रामीण के थाने पर हुआ था।

पंवार ने कहा था कि वह मेरे पैसे नहीं दे रही है :

सूत्र बताते हैं कि कार नहीं देने को लेकर शिकायत के बाद भोपाल के अफसरों ने पंवार के बयान भी लिए थे। तब उन्होंने कहा था कि रंजना कार के पूरे पैसे नहीं दे रही है। कार खरीदने में मेरा पैसा भी लगा हुआ है। वह ये पैसा नहीं दे रही है कि इसलिए मैंने कार अपने पास रख ली है। कार रंजना के भाई के नाम रजिस्टर्ड थी। इस विवाद को लेकर जब बात नहीं बनी तो भोपाल के अफसरों ने उन्हें समझाइश दी थी कि वे अपने स्तर पर इस मामले को सुलझाएं। तब टीआई हाकमसिंह पंवार बीमारी के नाम पर छुट्टी लेकर इंदौर आए थे और यहां ये वारदात कर डाली। इस मामले में अभी जांच जारी है,कई नए तथ्यों के सामने आने की संभावना है। पंवार और रंजना के परिजनों के भी बयान लिए जाएंगे।

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